अबु धाबी। यूएई और भारत के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद अल-नाहयान और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच अपनत्व तमाम मौकों पर देखने को मिला है। भारत और यूएई के बीच इन्हीं संबंधों का नतीजा है कि अबु धाबी में बीएपीएस संस्था का अक्षरधाम स्वामीनारायण मंदिर बन सका। अब यूएई ने भारतीयों के वास्ते एक बार फिर अपनी जमीन देने का फैसला किया है। इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने दी। मोदी ने अबु धाबी में स्वामीनारायण मंदिर के उद्घाटन के बाद बताया कि यूएई के उप राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन राशिद ने दुबई में जमीन देने की घोषणा की है। इस जमीन पर प्रवासी भारतीय श्रमिकों के लिए अस्पताल बनाया जाएगा। मोदी ने अस्पताल के लिए जमीन देने पर यूएई के उप राष्ट्रपति और शेख नाहयान को धन्यवाद दिया है।
यूएई ने अबु धाबी में स्वामीनारायण मंदिर बनाने के लिए बड़ी जमीन दी है। ये जमीन 27 एकड़ की है। यहां 13.5 एकड़ में मंदिर बनाया गया है। वहीं, बाकी 13.5 एकड़ जमीन पर पार्किंग तैयार की गई है। पीएम बनने के बाद जब मोदी साल 2015 में यूएई आए थे, तब उन्होंने अबु धाबी में मंदिर बनाने का प्रस्ताव शेख नाहयान को दिया था। मोदी ने खुद बताया है कि शेख नाहयान ने उसी वक्त कहा था कि जिस जमीन पर आप लकीर खींच देंगे, वही जमीन मंदिर बनाने के लिए मिल जाएगी। इसके बाद ही यूएई के अबु धाबी में मंदिर बनाने का खाका खिंच सका। अब प्रवासी भारतीय श्रमिकों के लिए जमीन देने का फैसला कर यूएई ने फिर बड़ा दिल दिखाया है।
मोदी इस बार के दौरे के अलावा पहले 7 बार यूएई जा चुके हैं। हर बार यूएई और भारत के बीच रिश्ते मजबूत होते गए। खाड़ी के सभी देशों से भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं, लेकिन यूएई से रिश्ता काफी शानदार कहा जा सकता है। दोनों ही देश तमाम क्षेत्रों में एक-दूसरे की मदद करते हैं। भारत में निवेश करने वाले देशों में यूएई का सातवां स्थान है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच बड़े स्तर पर व्यापार भी होता है। आने वाले दिनों में भारत और यूएई के बीच रिश्ते और मजबूत होने की पूरी संभावना है।