लंदन। पिछले दिनों भारत में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों में इनकम टैक्स की टीम ने सर्वे किया था। बीबीसी पर टैक्स चोरी का आरोप है। 14 से 16 फरवरी तक इनकम टैक्स के अफसर बीबीसी के दफ्तरों में कागजात और कम्प्यूटरों की छानबीन करते रहे थे। तब भारत में बड़ा हो-हल्ला मचा था। विपक्षी दलों ने गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का हवाला देकर पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया था। माना ये भी जा रहा था कि बीबीसी के सर्वे पर ब्रिटेन की सरकार भी कड़ा रुख अपनाएगी, लेकिन अब लग रहा है कि ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार इस मामले से खुद को दूर रख रही है।
बीबीसी के इनकम टैक्स सर्वे के बारे में ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस के सदस्य जिम शैनन ने सुनक सरकार से सवाल पूछा था। उन्होंने जानना चाहा था कि बीबीसी के इनकम टैक्स सर्वे और गुजरात दंगों पर उसकी डॉक्यूमेंट्री के बारे में ब्रिटेन की सरकार का क्या कहा है। इस पर सुनक सरकार में विदेश, कॉमनवेल्थ और विकास मामलों के सचिव ने जो जवाब दिया, उससे लगता है कि इस मामले को ब्रिटेन की सरकार ज्यादा तूल देने के मूड में नहीं है।
सुनक सरकार में विदेश, कॉमनवेल्थ और विकास मामलों के सचिव ने जिम शैनन के सवाल पर कहा है कि बीबीसी को संचालन और संपादकीय मामलों में महामहिम ब्रिटिश सम्राट की सरकार ने काफी हद तक स्वतंत्रता दे रखी है। उन्होंने आगे कहा कि बीबीसी पर भारत में इनकम टैक्स विभाग की ओर से लगाए गए आरोपों पर सरकार कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती है। बता दें कि बीबीसी ने भी पहले कहा था कि वो इस मामले को बेहतर तरीके से सुलझाए जाने की उम्मीद कर रहा है। अब सुनक सरकार के रुख से साफ हो रहा है कि बीबीसी और इनकम टैक्स के मामले में ब्रिटेन की सरकार भारतीय टैक्स एजेंसी पर किसी तरह की बयानबाजी नहीं करना चाहती है।