
कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की रूस के हमले के बाद अमेरिका और नाटो देशों की तरफ से सीधे मदद न मिलने और अपने देश को इस संगठन का सदस्य न बनाए जाने पर गुस्से में बरस पड़े। जेलिंस्की ने यूक्रेन के टीवी चैनल से कहा कि नाटो या तो कहे कि वो हमें सदस्य बना रहे हैं या खुले तौर पर कहें कि वो हमें साथ नहीं ले रहे। जेलिंस्की ने ये भी कहा कि नाटो के देश रूस से डरते हैं। इससे पहले जेलिंस्की ने ये भी कहा था कि उन्हें अमेरिका ने साफ बता दिया था कि नाटो में यूक्रेन को नहीं लिया जाएगा, लेकिन रूस के खिलाफ उन्हें खड़ा होने के लिए कहा गया था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बताया कि जंग की शुरुआत के बाद कई दिन तक उन्हें राजधानी कीव छोड़ने के लिए हर 10-20 मिनट में कॉल आते थे। हर कोई जोर देता था कि उन्हें कीव छोड़ देना चाहिए। जेलिंस्की ने ये भी कहा कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से उनकी बातचीत होती है और इसमें कोई समझौता होता है, तो उस समझौते को अमली जामा पहनाने से पहले यूक्रेन में जनमत संग्रह भी कराना होगा। इससे पहले जेलिंस्की ने कहा था कि वो जंग को रोकने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से बात करने के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर पुतिन से बातचीत फेल होती है, तो तीसरा विश्व युद्ध भी हो सकता है।
बता दें कि रूस ने जंग रोकने के लिए यूक्रेन के सामने कई मांगें रखी हैं। इनमें क्रीमिया पर रूस के कब्जे को मान लेना, डोनबास इलाके में उसकी ओर से घोषित दो नए राष्ट्र डोनेत्स्क और लुगांस्क को मान्यता देना, नाटो का सदस्य न बनना भी शामिल हैं। रूस का कहना है कि इन शर्तों को माने बगैर वो यूक्रेन पर किसी सूरत में हमले नहीं रोकेगा। रूस ने ये चेतावनी भी दी है कि अगर नाटो के किसी भी सदस्य देश ने प्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन की मदद की, तो उसे भी अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।