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Ukraine-Russia War: भारत की धरती पर होगा यूक्रेन-रूस युद्ध का अंत!, शांति वार्ता के लिए इंडिया एक आदर्श स्थान, जेलेंस्की ने दिया प्रस्ताव

Ukraine-Russia War: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के प्रस्ताव को वैश्विक स्तर पर काफी अहमियत दी जा रही है। अगर भारत में शांति वार्ता आयोजित होती है और जंग रोकने पर सहमति बनती है, तो इसे भारत की कूटनीतिक जीत माना जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, भारत फिलहाल इस प्रस्ताव पर नजर बनाए हुए है और यह समझने की कोशिश कर रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस पर क्या रुख अपनाएंगे।

नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच पिछले ढाई साल से जारी युद्ध का कोई अंत नज़र नहीं आ रहा है। इसी कारण यूक्रेन लगातार शांति समझौते पर जोर दे रहा है। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगली शांति समझौते की बैठक के लिए भारत एक अच्छी जगह हो सकती है। पिछली बार स्विट्जरलैंड में शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था, और अब यूक्रेन को उम्मीद है कि इस शांति वार्ता के माध्यम से फरवरी 2022 से चल रही जंग थम जाएगी। जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की एक दिवसीय यात्रा पूरी की थी। प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड से ट्रेन द्वारा कीव पहुंचे थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि दोनों ही देश मिलकर इस संघर्ष का समाधान निकालें। उन्होंने बातचीत और शांति के प्रयासों पर जोर दिया था और उम्मीद जताई थी कि जल्द से जल्द यूक्रेन में शांति लौटेगी।

भारत की भूमिका पर नजर

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के प्रस्ताव को वैश्विक स्तर पर काफी अहमियत दी जा रही है। अगर भारत में शांति वार्ता आयोजित होती है और जंग रोकने पर सहमति बनती है, तो इसे भारत की कूटनीतिक जीत माना जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, भारत फिलहाल इस प्रस्ताव पर नजर बनाए हुए है और यह समझने की कोशिश कर रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस पर क्या रुख अपनाएंगे।


जेलेंस्की ने भारत को क्यों चुना?

मीडिया से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत को लेकर बात की थी। जेलेंस्की ने कहा, “जहां तक ​​शांति शिखर सम्मेलन का सवाल है, मेरा मानना है कि दूसरा शांति शिखर सम्मेलन होना चाहिए। अच्छा होगा अगर इसे ग्लोबल साउथ देशों में से किसी एक में आयोजित किया जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “हम इस मुद्दे पर पूरी तरह से अपनी राय रख रहे हैं। सऊदी अरब, कतर, तुर्किये, और स्विटजरलैंड जैसे देशों के साथ भी हम शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी पर बात कर रहे हैं। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि हम भारत में वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन आयोजित कर सकते हैं। भारत एक बड़ा देश है, एक महान लोकतंत्र है।” इस तरह की पहल से स्पष्ट है कि वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका और महत्वपूर्ण हो सकती है, और यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में शांति वार्ता के इस प्रस्ताव पर भारत क्या कदम उठाता है।