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UNSC Expansion : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थाई सदस्य के तौर पर देखना चाहते हैं ये दो देश, खुलेआम किया भारत का समर्थन..

UNSC Expansion : UNSC के वर्तमान स्वरूप में पांच स्थाई सदस्य हैं। इनमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस व ब्रिटेन शामिल हैं। वैश्विक आबादी व अर्थव्यवस्था व नई भू राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए स्थाई सदस्य देशों की संख्या बढ़ाने की मांग लंबे समय से हो रही है।

नई दिल्ली। भारत यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में हमेशा से अपनी जगह तलाश रहा है। भारत अभी इसमें अस्थाई सदस्य के तौर पर शामिल है जबकि भारत की मांग है कि उसको स्थाई सदस्य के तौर पर UNSC में शामिल किया जाए। अब भारत की स्थाई सदस्यता की लंबे से उठ रही मांग का ब्रिटेन ने भी समर्थन किया है। यूएन में ब्रिटेन की स्थायी प्रतिनिधि बारबरा वुडवर्ड ने भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील के लिए नई स्थाई सीटों की मांग की है। इस बारे में आगे बातचीत करते हुए बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि ब्रिटेन लंबे समय से सुरक्षा परिषद के विस्तार की मांग कर रहा है। हम भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील के लिए नई स्थायी सीटों की व्यवस्था के साथ-साथ स्थायी अफ्रीका के स्थाई प्रतिनिधित्व का भी समर्थन करते हैं।

इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि UNSC के वर्तमान स्वरूप में पांच स्थाई सदस्य हैं। इनमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस व ब्रिटेन शामिल हैं। वैश्विक आबादी व अर्थव्यवस्था व नई भू राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए स्थाई सदस्य देशों की संख्या बढ़ाने की मांग लंबे समय से हो रही है।

जी4 देशों की तरफ से भारत ने उठाई आवाज

ऐसा नहीं है कि भारत ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी जगह को लेकर आवाज उठाई है। बल्कि संयुक्त राष्ट्र के स्थाई सदस्य के तौर पर भारत को स्थापित करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के समर्थन में कई यूरोपीय और एशियाई देशों को जुटाने का प्रयास किया था और उसमें वह सफल भी रहे थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भी गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में जी-4 की तरफ से अपना बयान दिया। इसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समान प्रतिनिधित्व पर जोर दिया। कंबोज ने ट्वीट कर बताया कि “आज मैंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समान प्रतिनिधित्व पर यूएनजीए में जी-4 की तरफ से बयान दिया। लंबे समय से सुरक्षा परिषद में सुधार रुका हुआ है, प्रतिनिधित्व में कमी अधिक है, जो सुरक्षा परिषद की वैधता और प्रभावशीलता के लिए एक अपरिहार्य पूर्व शर्त है।

UNSC में 40 साल बाद भी समान प्रतिनिधित्व नहीं : कंबोज

भारत की यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में स्थाई सदस्यता के मुद्दे पर बात करते हुए कंबोज ने कहा कि सुरक्षा परिषद में समान प्रतिनिधित्व को 40 साल पहले महासभा के एजेंडे में शामिल किया गया था। लेकिन यह खेदजनक है कि चार दशकों के बाद भी इस मुद्दे पर काम करने के लिए कुछ भी ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। नतीजतन, सुरक्षा परिषद अभी भी वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य को प्रतिबिंबित नहीं करती है। इसके विपरीत, कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों ने परिवर्तन और अनुकूलन के लिए प्रयास किए। सुरक्षा परिषद को इससे बाहर करने का कोई कारण नहीं है।