
नई दिल्ली। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के द्वारा ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बन रहे नए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिसर में भगवान नीलकंठ वर्णी की सबसे ऊँची धातु प्रतिमा का अनावरण किया गया। बीएपीएस के आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज द्वारा भक्तिपूर्ण और पारंपरिक अनुष्ठान के साथ प्रतिमा का अनावरण समारोह संपन्न कराया गया। 49 फुट ऊँची भगवान नीलकंठ वर्णी की प्रतिमा शांति, दृढ़ता और आंतरिक शक्ति का प्रतीक है, जो आगंतुकों को इन शाश्वत मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन उपस्थित रहे।
प्रतिमा का अनावरण परिसर के विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर
भगवान नीलकंठ वर्णी को इस प्रतिमा में गहन ध्यान में लीन दिखाया गया है। अटल एकाग्रता, आंतरिक शांति और आत्म-अनुशासन की शक्ति के प्रतीक के रूप में यह प्रतिमा आज के व्यस्त जीवन में अत्यंत प्रासंगिक है। नीलकंठ वर्णी प्रतिमा का अनावरण बीएपीएस के इस नए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिसर के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने बीएसपीएस के कार्यों को सराहा
ऑस्ट्रेलिया के मंत्री क्रिस बोवेन ने अपने संबोधन में बीएपीएस द्वारा एकता, निःस्वार्थ सेवा और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देने के प्रति समर्पण की सराहना की। इस ऐतिहासिक अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में भक्तगण और बीएपीएस समर्थक भी वहां पहुंचे। लोगों की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति से यह बात स्पष्ट हुई कि बीएपीएस समुदाय वैश्विक स्तर पर गहरी आध्यात्मिक छाप छोड़ रहा है।
ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक परिसर
25 एकड़ क्षेत्र में फैला यह ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक स्थल होगा। परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की इस परिसर के प्रति दृष्टि बीएपीएस के आस्था, सेवा और आध्यात्मिक उत्थान के मूल्यों को प्रतिबिंबित करती है। इस परिसर में पत्थरों से बना एक भव्य मंदिर, शांतिपूर्ण उद्यान और समर्पित सांस्कृतिक स्थल को बनाया जाएगा। शिक्षा, चिंतन और सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए इसे तैयार किया जा रहा है। नया आध्यात्मिक परिसर सभी पृष्ठभूमि के लोगों के लिए उपासना, सांस्कृतिक शिक्षा और सामाजिक सौहार्द्र का स्थान बनेगा। अपनी भव्यता और गहन आध्यात्मिक महत्ता के साथ यह परिसर ऑस्ट्रेलिया की समृद्ध बहुसांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बनकर उभरेगा।
14 फुटबॉल मैदानों के बराबर है बीएपीएस का नया आध्यात्मिक परिसर
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी बीएपीएस की इस नई परियोजना के महत्व को स्वीकारा है। न्यूज़ 9 ने इस आध्यात्मिक परिसर को ‘पश्चिमी सिडनी का नया अजूबा’ कहा और नीलकंठ वर्णी प्रतिमा को ‘शांति, अनुशासन और दृढ़ता का प्रतीक’ बताया, जो सभी पृष्ठभूमि के लोगों को प्रेरित करेगा। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस परियोजना का आकार 14 फुटबॉल मैदानों के बराबर है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने बीएपीएस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था ने ऑस्ट्रेलिया के बहुसांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध करने में योगदान दिया है। इसके अतिरिक्त, न्यूज़ 9 ने अपनी रिपोर्ट यह भी रेखांकित किया कि बीएपीएस का यह नया आध्यात्मिक परिसर, आकाश से दिखाई देने वाला, हवाई अड्डे से आने वाले आगंतुकों के लिए सिडनी की सांस्कृतिक समृद्धि की पहली यादगार छवि बनेगा।