वॉशिंगटन। अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना के मुताबिक भारत अब पाकिस्तान की जगह चीन को सबसे बड़ी सैन्य चुनौती मानता है। रो खन्ना का कहना है कि ऐसे में अमेरिका को चीन के साथ अपने रिश्तों को फिर से संतुलित करना चाहिए। भारत और चीन के बीच 2020 के मई महीने से तनाव चरम पर है। दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच 17 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन डेमचोक और देपसांग घाटी में भारत की जमीन पर साल 2013 से काबिज चीन की सेना हटने का नाम नहीं ले रही है। 2020 में गलवान घाटी में भी चीन घुस आया था। तब भारतीय जवानों से संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष में कर्नल बी. संतोष बाबू समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे और चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूट में सोमवार को अपने संबोधन मे कहा कि चीन के साथ रिश्तों को संतुलित करने की फिर जरूरत है। इससे एशिया में अमेरिका के सहयोगियों को चीन से मिल रही चुनौती पर स्पष्टता आएगी। रो खन्ना ने कहा कि अमेरिका की कूटनीति से उम्मीद है कि 21वीं सदी में पहले की सदी के मुकाबले कम हिंसा होगी। खन्ना ने चीन पर आरोप लगाया कि वो एशिया में आधिपत्य जमाने की लगातार कोशिश कर रहा है। अमेरिकी सांसद ने कहा कि चीन लगातार सीमा विवाद के मुद्दे पर भारत को धमकाता रहता है। अन्य पड़ोसी देशों से भी वो कमतर सहयोगियों की तरह का व्यवहार करता है।
रो खन्ना ने कहा कि अमेरिका को भारत और अन्य एशियाई देशों से रिश्ते मजबूत करने चाहिए। उन्होंने साल 2017 में बने क्वॉड का उदाहरण दिया। इस संगठन में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं। चारों देशों ने चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ सख्त रवैया अपना रखा है। चीन लगातार क्वॉड में भारत के शामिल होने का विरोध भी करता रहा है। क्वॉड देशों के जहाज दक्षिण चीन सागर के रास्ते प्रशांत महासागर तक जाते हैं और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।