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US MP Expressed Concern Over Attacks On Hindus In Bangladesh : अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हमलों पर जताई चिंता

US MP Expressed Concern Over Attacks On Hindus In Bangladesh : राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, हिंदुओं या किसी भी अल्पसंख्यक के खिलाफ हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसी के साथ अमेरिकी सांसद ने बांग्लादेश सरकार को मानवाधिकारों की याद दिलाई और हिंदुओं तथा अन्य अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान किए जाने का आह्वान किया।

नई दिल्ली। अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं या किसी भी अल्पसंख्यक के खिलाफ हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसी के साथ अमेरिकी सांसद ने बांग्लादेश सरकार को मानवाधिकारों की याद दिलाई और हिंदुओं तथा अन्य अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान किए जाने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कानूनी सुरक्षा की गारंटी देने का भी बांग्लादेश सरकार से अनुरोध किया।

अमेरिकी कांग्रेस के नेता राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से वहां के हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं। मानवाधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। यह वाकई बहुत ही गंभीर और चिंता करने वाला विषय है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को इस समस्या का समाधान करना होगा ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आपको बता दें कि बांग्लादेश में आज भी कट्टरपंथियों ने हिंदू धर्मस्थल को निशाना बनाया है। ढाका के डीएनसीसी वार्ड संख्या 54 में स्थित इस्कॉन मंदिर में आग लगा दी गई।

इसके पहले भी कई हिंदू मंदिरों और इस्कॉन टेंपलों को कट्टरपंथी समुदाय के लोगों द्वारा निशाना बनाया जा चुका है। हिंदुओं पर हुए हमले के विरोध में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ने आवाज उठाई तो उनको गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने चिन्मय कृष्ण दास पर राजद्रोह के आरोप में कार्रवाई की है। कोर्ट से उनकी जमानत भी खारिज कर दी गई है। वहीं, चिन्मय कृष्ण दास से जेल में मिलने गए इस्कॉन के एक अन्य पुजारी को भी पिछले दिनों पुलिस ने बेवजह गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। भारत लगातार इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज करा रहा है।