वॉशिंगटन। अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है। अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम में मदद करने वाली कंपनियों और संस्थानों पर बैन लगा दिया है। अमेरिका के बैन की जद में चीन और पाकिस्तान की कंपनियां और संस्थान हैं। चीन और पाकिस्तान की इन कंपनियों और संस्थानों की मदद से पाकिस्तान बैलेस्टिक मिसाइल शाहीन-3 और अबाबील को विकसित करने का काम करता है। पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल 2700 किलोमीटर तक मार कर सकती है। वहीं, अबाबील नाम की मिसाइल की रेंज 2200 किलोमीटर है। पाकिस्तान का दावा है कि उसकी एक अबाबील मिसाइल कई टारगेट पर हमला कर सकती है।
पाकिस्तान ने जो शाहीन-3 मिसाइल बनाई है, वो भारत के अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तक पहुंचने में सक्षम है। वहीं, पाकिस्तान की अबाबील मिसाइल से भारत के ज्यादातर हिस्से को निशाना बनाया जा सकता है। पाकिस्तान की शाहीन-3 और अबाबील मिसाइल अंतरिक्ष में पहुंचकर री-एंट्री करती हैं और इसके बाद अपने वारहेड से टारगेट को तबाह करती हैं। ऐसे में मिसाइल डिफेंस सिस्टम से भी इनको रोकना आसान नहीं है। अमेरिका ने जिन कंपनियों और संस्थानों पर पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम में मदद का आरोप लगाकर बैन लगाया है, उनमें चीन की कंपनी बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री यानी आरआईएएमबी भी शामिल है। चीन की आरआईएएमबी पर शाहीन-3 और अबाबील मिसाइल विकसित करने के लिए तकनीकी देने और टेस्टिंग की सहूलियत मुहैया कराने का आरोप है।
अमेरिका इससे पहले भी पाकिस्तान के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम में मदद देने के आरोप में चीन की कंपनियों पर बैन लगा चुका है। हालांकि, अमेरिका और पाकिस्तान एक जमाने में बड़े दोस्त हुआ करते थे, लेकिन अमेरिका पर जब ओसामा बिन लादेन ने 9/11 का आतंकी हमला किया, उसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आनी शुरू हुई। हालांकि, अमेरिका बीच-बीच में पाकिस्तान को सैन्य मदद भी देता रहता है।