
नई दिल्ली। बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। अंतरिम सरकार के कार्यभार संभालने के बाद वहां हालात सामान्य होने की उम्मीद की जा रही थी मगर बड़ी संख्या में छात्र फिर से ढाका की सड़कों पर उतर आए। इस दौरान पैरामिलिट्री फोर्स अंसार ग्रुप के साथ उनकी हिंसक झड़प हो गई। इस झड़प में 50 लोगों के घायल होने की खबर है। पैरामिलिट्री फोर्स अंसार ग्रुप बांग्लादेश में आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था का जिम्मा संभालती है। बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़कने के बाद अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने लोगों से शांति की अपील की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वो कानून को अपने हाथ में न लें।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार रात छात्रों को खबर मिली थी कि अंसार ग्रुप ने कुछ लोगों ने अंतरिम सरकार के सलाहकार नाहिद इस्लाम, कोऑर्डिनेटर सरजिस आलम और हसनत अब्दुल्ला समेत कई लोगों को सचिवालय में बंधक बना रखा है। देखते ही देखते हजारों की संख्या में छात्र लाठी-डंडे लेकर ढाका की सड़कों पर इकट्ठा हो गए और सचिवालय की तरफ निकल पड़े। बड़ी संख्या में छात्रों की भीड़ को देखते हुए पहले तो अंसार ग्रुप के सदस्य पीछे हट गए लेकिन बाद में दोनों के बीच झड़प और पथराव होने लगा। इस दौरान दोनों तरफ के लगभग 50 लोग घायल हो गए।
दरअसल छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि अंसार ग्रुप के मेंबर्स की सारी मांगे मान ली गई हैं, इसके बावजूद सचिवालय की नाकाबंदी कर रखी है। उन्होंने इसके लिए शेख हसीना सरकार में जल संसाधन के उप मंत्री रहे एकेएम इनामुल हक शमीम के बड़े भाई और अंसार ग्रुप के पूर्व महानिदेशक मेजर जनरल एकेएम अमीनुल हक को जिम्मेदार ठहराया। दरअसल अंसार ग्रुप की मांग है कि उनकी नौकरी को स्थाई किया जाए जबकि आंदोलनकारी स्टूडेंट्स का आरोप है कि अंसार ग्रुप पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एजेंट के तौर पर कार्यरत है।