नई दिल्ली। ईरान की एक छात्रा अहौ दारयाई का कुछ दिनों पहले वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो सिर्फ अंडरगार्मेंट्स पहने हुए यूनिवर्सिटी में खुलेआम घूम रही थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद ईरान में महिलाओं के प्रति कट्टरपंथी सोच को लेकर दुनिया भर में सवाल उठने लगे थे। वहीं छात्रा अहौ दारयाई को हिरासत में ले लिया गया था। तब से हर कोई यह जानने की कोशिश में है कि ईरान जैसे मुस्लिम कट्टरपंथी देश में अंडरगार्मेंट्स में घूमने वाली छात्रा के साथ बाद में क्या हुआ। अब इस मामले में नई जानकारी सामने आई है। ईरान की अदालत ने छात्रा अहौ दारयाई को कोई भी सजा नहीं दी है।
छात्रा अहौ दारयाई के इस कृत्य को ईरान की अदालत ने मानसिक बीमारी से जोड़ा। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि छात्रा अहौ दारयाई ने बीमारी की हालत में ऐसा काम किया था, इसलिए उस पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए। छात्रा की बीमारी को ध्यान में रखते हुए उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है और उसके खिलाफ किसी भी तरह का कोई न्यायिक मामला दर्ज नहीं किया गया है। ईरान की न्यायपालिका के असगर जहांगीर के मुताबिक इस मामले में छात्रा को परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा गया था और डॉक्टरों ने उसके मानसिक तौर पर बीमार होने की पुष्टि की है।
ऐसा बताया गया है कि पारिवारिक समस्याओं के चलते छात्रा मानसिक रूप से बीमार है। इससे पहले छात्रा के साथियों और अन्य रिश्तेदारों ने भी उसमें मानसिक बीमारी के लक्षणों को महसूस किया था। इससे पहले जब छात्रा का अंडरगार्मेंट्स में वीडियो वायरल हुआ था तब यह कहा जा रहा था कि अहौ दारयाई ने यूनिवर्सिटी कैंपस में इस्लामिक कपड़ों का विरोध करते हुए यह कदम उठाया है। उसके बाद से ही दुनिया भर में इस बात पर चर्चा होने लगी थी।