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What Is Blue Ghost In Hindi: चांद पर उतरा अमेरिकी कंपनी का यान ‘ब्लू घोस्ट’, जानिए इसके बारे में सबकुछ

What Is Blue Ghost In Hindi: फायर फ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट यान चांद के मेयर क्रीसियम इलाके में उतरा है। इसके लिए चांद के अंधेरे वाले हिस्से में यान के इंजन 19 सेकेंड के लिए प्रज्ज्वलित किए गए। कंपनी के मुताबिक चांद के अंधेर हिस्से से उजाले वाले हिस्से में पहुंचने के लिए इंजन प्रज्ज्वलन के बाद 20 मिनट लगे। कंपनी ने बताया कि इसके बाद ब्लू घोस्ट ने चेक किया कि उसके सभी यंत्र ठीक हैं या नहीं। जिसके बाद चांद के मेयर क्रीसियम इलाके में उसे सफलता से उतार दिया गया। इस खबर को पढ़कर जानिए कि ब्लू घोस्ट चांद पर किस तरह के यंत्र ले गया है।

वॉशिंगटन। अमेरिका की कंपनी फायर फ्लाई एयरोस्पेस का यान ब्लू घोस्ट चांद की सतह पर उतरने में कामयाब रहा है। चांद पर ब्लू घोस्ट रविवार को उतरा। फायर फ्लाई एयरोस्पेस ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि चांद पर पहली कॉमर्शियल लैंडिंग सफल रही है। इससे चांद के व्यावसायिक खोज में बड़ी मदद मिलने वाली है। कंपनी ने इसके लिए अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा को भी धन्यवाद दिया है। इससे पहले कंपनी ने सुबह ही ये जानकारी दी थी कि उसका ब्लू घोस्ट यान चांद की कक्षा में पहुंच गया है और उसे उतारने की तैयारी की जा रही है। फायर फ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट यान चांद के मेयर क्रीसियम इलाके में उतरा है। इसके लिए चांद के अंधेरे वाले हिस्से में यान के इंजन 19 सेकेंड के लिए प्रज्ज्वलित किए गए।

कंपनी के मुताबिक चांद के अंधेर हिस्से से उजाले वाले हिस्से में पहुंचने के लिए इंजन प्रज्ज्वलन के बाद 20 मिनट लगे। कंपनी ने बताया कि इसके बाद ब्लू घोस्ट ने चेक किया कि उसके सभी यंत्र ठीक हैं या नहीं। जिसके बाद चांद के मेयर क्रीसियम इलाके में उसे सफलता से उतार दिया गया। ब्लू घोस्ट अब चांद पर 14 दिन तक कई तरह के प्रयोग करेगा। फायर फ्लाई का ये ब्लू घोस्ट यान किसी बड़े दरियाई घोड़े जितने साइज का है। इस यान को फायर फ्लाई ने इस साल 15 जनवरी को अंतरिक्ष में भेजा था। इसे भेजने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के फैल्कन9 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था। ब्लू घोस्ट ने जापान की एक कंपनी के चांद पर भेजे गए यान की तस्वीरें भी भेजी थीं। जापानी कंपनी के यान को मई में चांद की सतह पर उतरना है।

ब्लू घोस्ट में 10 यंत्र लगे हैं। इनमें से एक से चांद की मिट्टी की जांच की जाएगी। इसमें जीपीएस भी लगा है। ताकि ये बता सके कि यान चांद पर किस जगह है। साथ ही रेडियेशन का असर न होने वाला एक कम्प्यूटर भी ब्लू घोस्ट में लगाया गया है। ब्लू घोस्ट के बारे में बताया जा रहा है कि वो धरती के उपग्रह पर सूर्य डूबने का नजारा भी रिकॉर्ड करेगा। इसके अलावा देखेगा कि चांद के क्षितिज में चमक कैसे होती है। अपोलो यान के अंतरिक्ष यात्री रहे यूजीन सेरनन ने सबसे पहले इस चमक को रिकॉर्ड किया था।