
नई दिल्ली। सिंगापुर में शांग्री-ला डायलॉग में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर एक नॉन कॉन्टेक्ट वॉर थी। उन्होंने कहा कि भविष्य के जो भी युद्ध होंगे वह संभवत: नॉन कॉन्टेक्ट वॉर ही होंगे। सीडीएस बोले, आज आधुनिक युद्ध में व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। एक-दूसरे के संपर्क में आए बिना, मानव रहित सिस्टम का उपयोग करके आज युद्ध लड़े जा रहे हैं। तकनीकी के जरिए वॉरफेयर और वॉरफाइटिंग को बदला जा रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ड्रोन के जरिए कहीं भी सटीकता के साथ हमला किया जा सकता है।
सीडीएस ने कहा कि आज के समय में युद्ध में साइबर अटैक भी होते हैं। पाकिस्तान के द्वारा भी भारत पर साइबर अटैक हुए मगर इसका उनको विफल किए जाने के चलते कोई असर नहीं हुआ। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सीडीएस ने कहा कि भारत ने आतंकवाद को बर्दाश्त ना करने को लेकर एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है। जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत ने आकाश मिसाइल सिस्टम, एस-400 जैसे अन्य हथियारों की बदौलत पाकिस्तान के हमलों को विफल किया और मुंहतोड़ जवाब भी दिया। यह हमारे विरोधियों के लिए एक सीख है और हम उम्मीद करते हैं कि वो इससे सबक लेंगे कि यह भारत की सहनशीलता की सीमा है।
इससे पहले सीडीएस ने स्पष्ट किया था कि अब सिर्फ भारत नहीं बदला, बल्कि भारत की रणनीति भी बदल गई है। उन्होंने भारत की 2014 की कूटनीतिक पहल का जिक्र भी किया था। सीडीएस ने कहा था हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। लेकिन ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है। अगर बदले में हमें दूसरी ओर से सिर्फ शत्रुता मिलती है, तो अभी के लिए अलगाव ही एक अच्छी रणनीति हो सकती है।