
नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवादित संबंधों में एक और मोड़ तब आया जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया कि उन्होंने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत के साथ ठोस सबूत साझा नहीं किए थे। अब इस मामले को लेकर कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ एडम जॉर्ज ने भी अपने ही प्रधानमंत्री पर सवाल खड़े किए हैं।
आरोप लगाने की क्या थी जरूरत?
राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ एडम जॉर्ज ने कहा, “जस्टिन ट्रूडो का यह कुबूलनामा कि उन्होंने उस समय भारत के साथ कोई ठोस सबूत साझा नहीं किए थे, काफी हैरान करने वाला है। सवाल उठता है कि जब सबूत नहीं थे, तो इस आरोप को सार्वजनिक करने की जरूरत ही क्या थी कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि कनाडा ने इसके बाद भारत के साथ कोई और सबूत साझा किए हैं या नहीं। मुझे लगता है कि समय ही इस मामले में सब कुछ साफ करेगा।”
#WATCH | Ottawa, Canada: On Canadian PM Justin Trudeau’s testimony, Canadian National Security Expert, Joe Adam George says, “…Him admitting that he did not exactly share hard evidentiary proof with India at that time, at least, was rather interesting. It just goes to show… pic.twitter.com/HDFlxbTL1F
— ANI (@ANI) October 18, 2024
भारत का सख्त जवाब
इससे पहले सितंबर 2023 में जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने सख्ती से खारिज करते हुए बेतुका और राजनीतिक एजेंडा बताया था। पीएम ट्रूडो ने दावा किया था कि कनाडा और उसके सहयोगियों से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि भारतीय एजेंटों का इसमें हाथ हो सकता है। हालांकि, ट्रूडो ने बाद में स्वीकार किया कि उनके पास इस दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं थे।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सितंबर 2023 के बाद से कनाडा की सरकार ने भारत के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार, 17 अक्टूबर 2024 को कहा, “कनाडा ने गंभीर आरोप लगाए, लेकिन कोई सबूत या जानकारी साझा नहीं की। हमको हमारे राजनायिकों की सुरक्षा की चिंता है और उसी को ध्यान में रखते हुए हमने अपने राजनायिकों को भारत वापस बुला लिया।”