नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच रिश्ते एक बार फिर से तल्ख होते हुए नजर आ रहे हैं। दोनों देशों के बीच खालिस्तानी मुद्दे को लेकर विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है। जिसे लेकर दोनों ही मुल्क के रहनुमा आमने-सामने आ चुके हैं। दरअसल, बीते दिनों कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या का जिम्मेदार भारत को ठहराया था। वहीं, भारत ने कनाडा द्वारा लगाए गए इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। जिससे चिढ़े ट्रूडो ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया। जिसके बाद भारत ने भी कनाडा के उच्यायुक्त को निष्कासित कर दिया। इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं।
वहीं, आज भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को तलब किया गया, जहां उनसे विस्तृत पूछताछ की गई थी। पूछताछ के बाद जब उनसे मीडिया द्वारा सवाल किया गया, तो उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। इसके उलट तमतमाते हुए अपनी गाड़ी से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने अपनी गाड़ी का दरवाजा भी जोर से पीटा। दरअसल, उनसे पत्रकारों ने खालिस्तानी सहित विदेश मंत्रालय द्वारा पूछे गए सवालों के बारे में पूछा था, लेकिन उन्होंने सभी सवालों को नजरअंदाज कर सीधा अपनी गाड़ी से रूखसत हो गए। उनके चेहरे के भाव ये बताने के लिए पर्याप्त थे कि वो बहुत गुस्से में हैं, लेकिन उन्होंने मीडिया के सामने अपने गुस्से की वजह साझा नहीं की।
#WATCH | Canadian High Commissioner to India, Cameron MacKay leaves from the MEA headquarters at South Block, New Delhi. pic.twitter.com/zFAaTFfeAP
— ANI (@ANI) September 19, 2023
बता दें कि कनाडाई सरकार द्वारा भारतीय उच्चायुक्त निष्कासित किए जाने के बाद भारत सरकार ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया था। ध्यान दें, खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों रिश्तों में तल्खी बढ़ गई है। निज्जर एक खालिस्तानी आतंकी था, जिसकी दो बंदूकधारियों ने सरे स्थित गुरुद्वारे के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। यही नहीं, निज्जर कनाडा में कई भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा था, जिस पर भारत की ओर से कड़ी आपत्ति भी जताई गई थी। वहीं, इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय जी-20 सम्मेलन में भी पीएम मोदी की ओर से ट्रूडो के समक्ष खालिस्तान का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन उनकी ओर से कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं आया था। फिलहाल, इस पूरे मसले को लेकर दोनों देशों की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।