
नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक चल रही है, जिसमें सभी सदस्य देश शिरकत करने पहुंचे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय मुलाकात की। इस बीच दोनों ही नेताओं के बीच कई मुद्दों पर वार्ता हुई, लेकिन प्रमुख मुद्दा दोनों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध रहा। बता दें कि रूस यूक्रेन के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है। यह अभी तक पूर्णत: अपने विराम अवस्था में नहीं पहुंचा है। इस युद्ध में दोनों ही देशों का नुकसान हुआ है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुसी राष्ट्रपति पुतिन का शुक्रिया अदा किया है। पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह का सहयोग आपने यूक्रेन में फंसे हमारे विधार्थियों को निकालने में किया है, उसके प्रति हम आपके आभारी रहेंगे। पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि रूस-यूक्रेन के युद्ध के दौरान आपकी स्थिति से अवगत हैं। मैं इस बात से भी परिचित हूं कि आप दोनों ही देशों की स्थिति को लेकर चितिंत है। हम सभी जानते हैं कि दोनों ही देशों के बीच युद्ध का सिलसिला जल्द से जल्द खत्म हो , क्योंकि यह स्थिति दुनिया के किसी भी देश के लिए अच्छी नहीं है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बातें पुतिन से वार्ता के क्रम में कही है।
राष्ट्रपति पुतिन के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा करने का अवसर मिला। हमने अन्य द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की: PM मोदी pic.twitter.com/ZE51svq5XN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 16, 2022
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे विषयों पर अपनी राय सार्वजनिक की है। उन्होंने पुतिन से मुलाकात के क्रम में कहा कि आज की तारीख में दुनिया में कई तरह की समस्याएं उभकर सामने आ रही है, जिसमें विकासशील देशों के लिए फूड सिक्योरिटी, फ्यूल सिक्योरिटी, उर्वरकों की जो समस्याएं हैं, उसपर हमें रास्ते निकालने होंगे। आपको भी उसपर पहल करनी होगी। वहीं, पीएम मोदी ने आगे पुतिन से कहा कि जिस तरह की भावनाएं रूस ने भारत के प्रति प्रकट की है, उसके लिए मैं आपका आभारी हूं। प्रधानमंत्री ने पुतिन से आगे कहा कि हमारी यात्राएं 2001 से चल रही है। बीत 22 सालों में दोनों ही देशों के बीच रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव ने SCO शिखर सम्मेलन के मौके पर उज्बेकिस्तान के समरकंद में एक बैठक की।
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पूरी दुनिया हमारे रिश्ते से वाकिफ है। गौरतलब है कि रूस युक्रेन युद्ध के दौरान ही पूरी दुनिया भारत के रूख को जानने के लिए आतुर थी, लेकिन भारत ने इस पूरी स्थिति में अपना रुख बेहद ही कूटनीतिक रखा है, जहां भारत एक तरफ यह कहता रहा है कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है, तो वहीं तरफ रूस की आलोचना करने से गुरेज करते रहा है, जबकि अमेरिका सहित दुनिया के कई अन्य देश रूस के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर चुके थे, लेकिन भारत हमेशा ही रूस की प्रत्यक्ष रूप से आलोचना करने से बचता रहा है, जिसको को लेकर कई देशों ने भारत के प्रति अपना रोष भी प्रकट किया।
Uzbekistan | I know about your position on the conflict in Ukraine & also about your concerns. We want all of this to end as soon as possible. We will keep you abreast of what is happening there: Russian President Putin during a bilateral meet with PM Modi pic.twitter.com/TTqOhHnM5P
— ANI (@ANI) September 16, 2022
बता दें कि रूस यूक्रेन युद्ध के बीच भारत रूस से यथावत तेल खरीदता रहा था, जिसकी अमेरिका ने आलोचना की थी, लेकिन भारत ने इसकी परवाह नहीं की थी। जिस पर बीते दिनों पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी शहबाज शरीफ को भारतीय विदेशी नीति से कुछ सीखने की हिदायत दी थी। बता दें कि इमरान ने शहबाज को ताना मारते हुए कहा था कि हमें भारत की विदेश नीति से कुछ सीखना चाहिए कि अमेरिका के विरोध के बावजूद भी वो रूस से खरीद रहा है। अमेरिका जैसी महाशक्ति के विरोध के बावजूद भी भारत का आत्मबल शिथिल नहीं हो पाया है।