
नई दिल्ली। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा जगह-जगह उत्पात जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश में सेना की ओर अतंरिम सरकार के गठन का ऐलान किया गया था, इसके लिए प्रयास जारी है। इस बीच आंदोलनकारी छात्र संगठन ने नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव रखा है। प्रदर्शनकारी नेताओं ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अंतरिम सरकार के गठन के लिए अपनी योजना की रूपरेखा बताई और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को देश की कमान सौंपने की बात कही।
मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के एक प्रमुख सामाजिक उद्यमी, अर्थशास्त्री, बैंकर और राजनीतिज्ञ हैं। उनका जन्म जून 1940 को हुआ था। यूनुस ने 1983 में बांग्लादेश में एक ग्रामीण बैंक स्थापित किया था जो गरीबों को आसानी से कम मूल्य का ऋण मुहैया कराता है। ग्रामीण बैंक के माध्यम से जरूरतमंद गरीबों को छोटे ऋण उपलब्ध कराने के यूनुस के प्रयास की पूरी दुनिया के सराहना की थी। उनके इस प्रयास के कारण ही बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोग अपने जीवन स्तर में सुधार ला सके। गरीबी उन्मूलन के लिए किए गए उत्कृष्ट प्रयासों के लिए साल 2006 में प्रतिष्ठित नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
साल 2007 में मोहम्मद यूनुस ने नागरिक शक्ति नाम से एक राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी। इसके बाद साल 2009 में यूनुस को यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम पुरस्कार से भी नवाजा गया। साल 2010 में उन्हें कांग्रेसनल गोल्ड मेडल दिया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें कई और भी पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। शेख हसीना सरकार के कार्यकाल में मोहम्मद यूनुस पर 190 मुकदमे दर्ज हुए थे। इतना ही नहीं 23 लाख डॉलर गबन करने के मामले में मोहम्मद यूनुस को जेल की सजा सुनाई जा चुकी है, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।