
नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि छात्र आरक्षण को लेकर शुरू हुआ आंदोलन इतना उग्र हो जाएगा कि उनको पीएम का पद ही नहीं देश छोड़कर भागना पड़ेगा। इस छात्र आंदोलन के पीछे एक स्टूडेंट नेता का नाम बार बार सामने आ रहा है और ऐसा कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट में उस स्टूडेंट लीडर का बहुत बड़ा हाथ है। उस छात्र नेता का नाम नाहिद इस्लाम है। दरअसल नाहिद इस्लाम ने ही आरक्षण को लेकर शुरू हुए आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन में दस हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए।
बेहद ही साधारण परिवार से ताल्लुख रखने वाले नाहिद इस्लाम ढाका यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। नाहिद संगठन स्टूडेंट्स एगेंस्ट डिसक्रिमिनेशन नाम के छात्र संगठन के को-ऑर्डिनेटर भी हैं। नाहिद ने आरोप लगाया था कि 20 जुलाई को उनको पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान में जाकर तब तक प्रताड़ित किया गया जब तक वो बेहोश नहीं हो गए। इससे पहले पुलिस ने नाहिद के दोस्त आसिफ महमूद और अबू बकर को 19 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में नाहिद एक पुल के नीचे बेहोश और बुरी तरह से घायल अवस्था में मिले थे। इनके दोस्तों आसिफ महमूद और अबू बकर को भी आंख में पट्टी बांधकर दूरदराज के क्षेत्र में छोड़ दिया गया था।
इसके बाद अस्पताल में इलाज कराते इनकी फोटो भी वायरल हुई थी। 26 जुलाई को पुलिस ने एक बार फिर नाहिद को हिरासत में ले लिया और इस दौरान पुलिस ने नाहिद पर आंदोलन को खत्म कराने का हर तरीके से दबाव बनाया। इसके बाद नाहिद जब पुलिस हिरासत से बाहर आए तो उन्होंने आंदोलन और तेज कर दिया। जख्मी हालत में होने के बावजूद नाहिद ने आंदोलन को जारी रखा और नतीजा यह हुआ कि बड़ी संख्या में छात्रों और आंदोलनकारियों ने विद्रोह कर दिया और बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया।