नई दिल्ली। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सुचिर बालाजी सैन फ्रांसिस्को स्थित उनके फ्लैट में मृत पाए गए हैं। सुचिर ओपनएआई कंपनी में रिसर्चर थे। उन्होंने चार साल तक ओपनएआई और चैटजीपीटी पर काम किया था। सुचिर ने इसी साल कुछ महीनों पहले चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इसकी खामियों को उजागर किया था। अब उनकी मौत की खबर आई है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने आत्महत्या की है। उनकी मौत के मामले में पुलिस को किसी तरह की साजिश के कोई सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि इस बात की जानकारी नहीं हो सकी है कि सुचिर ने आत्महत्या क्यों की?
— Elon Musk (@elonmusk) December 14, 2024
सुचिर की मौत की खबर पर टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर सुचिर की फोटो के साथ सिर्फ ‘हम्म’ लिखकर पोस्ट किया है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी बर्कले से कंप्यूटर साइंस ग्रुजुएट सुचिर बालाजी ने नवंबर 2020 से अगस्त 2024 तक ओपनएआई के साथ काम किया। इस दौरान उन्होंने चैटजीपीटी पर रिसर्च कर उसे डेवलप किया। इसी साल अगस्त में उन्होंने ओपनएआई से इस्तीफा दे दिया। नौकरी से पहले कॉलेज टाइम में सुचिर ने ओपनएआई के साथ इंटर्नशिप भी की थी। इसके कुछ समय बाद सुचिर ने ओपनएआई से होने वाले संभावित नुकसान के बारे में बताया।
I recently participated in a NYT story about fair use and generative AI, and why I’m skeptical “fair use” would be a plausible defense for a lot of generative AI products. I also wrote a blog post (https://t.co/xhiVyCk2Vk) about the nitty-gritty details of fair use and why I…
— Suchir Balaji (@suchirbalaji) October 23, 2024
सुचिर के मुताबिक ओपनएआई ने अनुमति लिए बिना ही चैटजीपीटी को डेवलप करने के लिए कंटेंट का इस्तेमाल किया। एक इंटरव्यू में सुचिर ने दावा किया कि चैटजीपीटी जैसी तकनीकें इंटरनेट को नुकसान पहुंचा रही हैं। सुचिर के इस दावे के बाद चैटजीपीटी को लेकर एक नई बहस छिड़ गई थी। इसके कुछ समय बाद सुचिर ने सोशल मीडिया के माध्यम से चैटजीपीटी के उपयोग और जेनरेटिव के बारे में भी लिखा था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि मैं नहीं चाहता कि इसे चैटजीपीटी या ओपनएआई की आलोचना के रूप में पढ़ा जाए।