
नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच क्या कुछ बड़ा होने वाला है? इजरायल अमेरिका को साथ लेकर क्या ईरान के खिलाफ कुछ बड़ा एक्शन प्लान कर रहा है? फ्रांस में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन को को बीच में छोड़कर वापस गए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान जो बयान दिया है उससे सस्पेंस बढ़ गया है। दरअसल ट्रंप के जी-7 सम्मेलन से जाने के बारे में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि वो ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर पर काम करने के लिए गए हैं। अब ट्रंप ने मैक्रों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें मालूम ही नहीं है कि मैं वापस वॉशिंगटन क्यों आया हूं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इमैनुएल मैक्रों प्रसिद्धि पाना चाहते हैं। उन्होंने गलती से कहा कि मैं इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर पर काम कर सकूं, इसलिए कनाडा से जी-7 सम्मेलन छोड़कर जा रहा हूं। यह गलत है, मैक्रों को मालूम ही नहीं है कि मैं जी-7 सम्मेलन को बीच में छोड़कर क्यों गया। मेरे वापस आने का ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर से कोई लेना देना नहीं है। वास्तव में इससे कहीं ज्यादा बड़ा काम है। उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के लिए कहा कि चाहे जानबूझकर या गलती से लेकिन वो हमेशा गलत बात ही कहते हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया ट्रुथ पर पोस्ट में यह बात लिखी है।
ट्रंप के इस बयान के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि ईरान पर इजरायल के हमले अब और तेज हो सकते हैं। ट्रंप ने ईरान को पहले भी चेतावनी देते हुए कहा था कि अभी समय है, इससे पहले कि सब कुछ खत्म हो जाए ईरान को अमेरिका के साथ परमाणु करार कर लेना चाहिए। उधर जी-7 देशों ने भी खुलकर इजरायल का समर्थन करने की बात कही है। जिससे कहीं न कहीं इजरायल को ईरान के खिलाफ और सपोर्ट मिल गया है।