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US In India-Canada Tussle: भारत-कनाडा में तनाव घटाने के लिए कदम उठाएंगे राष्ट्रपति जो बाइडेन?, दोनों देशों से हैं अमेरिका के करीबी रिश्ते

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले को लेकर भारत और कनाडा में तनाव बहुत बढ़ गया है। कनाडा की तरफ से भारत के एक राजनयिक को निष्कासित करने का फैसला करने के बाद भारत ने भी पलटवार करते हुए ट्रूडो सरकार के एक राजनयिक को निकाल दिया है।

वॉशिंगटन। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले को लेकर भारत और कनाडा में तनाव बहुत बढ़ गया है। कनाडा की तरफ से भारत के एक राजनयिक को निष्कासित करने का फैसला करने के बाद भारत ने भी पलटवार किया है। भारत ने देश विरोधी गतिविधि के आरोप में कनाडा के भी एक वरिष्ठ राजनयिक को दिल्ली छोड़ने का आदेश दिया है। इस मामले में अब अमेरिका के रुख पर सबकी नजर है। दरअसल, कनाडा और भारत दोनों ही अमेरिका के करीबी देशों में हैं। कनाडा तो अमेरिका का पुराना करीबी देश है। वहीं, भारत भी पिछले कुछ साल में अमेरिका का काफी करीबी हो गया है। सबकी नजर इस पर है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अब कनाडा और भारत के बीच रिश्तों की तल्खी मिटाने के लिए कोई कदम उठाते हैं या नहीं।

JOe BIDEn and pm modi 123

कनाडा और भारत के बीच खालिस्तानी आतंकियों के मसले पर काफी दिनों से तनातनी चल रही है। भारत ने कई बार कनाडा की सरकार से खालिस्तानियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की, लेकिन पीएम जस्टिन ट्रूडो की सरकार लगातार कहती रही कि अभिव्यक्ति की आजादी के तहत ऐसे तत्वों पर एक्शन नहीं हो सकता। जबकि, भारत के खिलाफ कनाडा में ये आलम है कि खालिस्तानी तत्व अलग देश के लिए वहां जनमत संग्रह कराते हैं और आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) का नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों का पता बताने वाले को 10000 डॉलर इनाम देने का एलान खुलेआम कर रहा है।

Modi and justin trudeau

भारत और कनाडा के बीच तनातनी सोमवार से और बढ़ी। सोमवार को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में कहा कि उनके अफसरों को लगता है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ है। ट्रूडो ने भारत पर ये संगीन आरोप लगा तो दिया, लेकिन कोई सबूत तक कनाडा की संसद में नहीं रखे। भारत के एक राजनयिक को निष्कासित भी कर दिया। भारत ने ट्रूडो के इस आरोप को मनगढ़ंत और दबाव में दिया गया बताया। फिर भारत विरोधी गतिविधि के आरोप में कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित करने का आदेश सुनाया।