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Brazilian President Lula Da Silva Hits Back At Donald Trump : दुनिया को सम्राट की जरूरत नहीं, ब्राजील के राष्ट्रपति इनासियो लूला दा सिल्वा ने डोनाल्ड ट्रंप पर किया पलटवार

Brazilian President Lula Da Silva Hits Back At Donald Trump : दरअसल ब्रिक्स देशों ने रविवार को जारी किए अपने साझा बयान में ईरान पर हमले और एकतरफा टैरिफ नीति की आलोचना की थी, हालांकि उसने किसी देश का नाम नहीं लिया। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा था ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ जुड़ने वाले देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा।

नई दिल्ली। ब्रिक्स देशों में शामिल ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा है कि दुनिया अब बदल चुकी है, किसी सम्राट या शहंशाह की जरूरत नहीं है। दरअसल ब्रिक्स देशों ने रविवार को जारी किए अपने साझा बयान में ईरान पर हमले और एकतरफा टैरिफ नीति की आलोचना की थी, हालांकि उसने किसी देश का नाम नहीं लिया। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा था ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ जुड़ने वाले देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा।

हालांकि ब्रिक्स देशों ने ट्रंप के एंटी अमेरिकन आरोप को खारिज कर दिया। ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक व्यापार सिर्फ अमेरिकी डॉलर पर निर्भर नहीं होना चाहिए। दुनिया को अब ऐसा रास्ता खोजने की आवश्यकता है जिससे देशों के बीच व्यापारिक संबंध और लेन देन को डॉलर के माध्यम से न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस काम को करने के लिए बहुत सावधानी की जरूरत है और लिए हमारे केंद्रीय बैंकों को अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों से संपर्क करना होगा। लूला ने कहा कि ब्रिक्स देशों की कोशिश यह है कि आर्थिक दृष्टिकोण से दुनिया को व्यवस्थित करने का एक और रास्ता खोजा जाए और संभवत: यही कारण है कि कुछ लोगों को ब्रिक्स असहज कर रहा है। इससे पहले चीन की ओर से भी डोनाल्ड ट्रंप पर पलटवार किया गया था।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था कि ब्रिक्स दूसरे देशों को निशाना नहीं बनाता। दुनिया के नए उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए ब्रिक्स एक महत्वपूर्ण मंच है। आपको बता दें कि ब्रिक्स समूह का जब गठन हुआ तब इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। 2024 में ब्रिक्स का विस्तार किया गया और इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को भी शामिल किया गया। इसी साल इंडोनेशिया को भी इसमें जगह दी गई है।