
न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी की हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है। रुश्दी पर कल न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान चाकू से हमला किया गया था। चाकू उनके गले में लगा था। रुश्दी को हेलीकॉप्टर से तुरंत अस्पताल ले जाया गया और वहां कई घंटे तक उनकी सर्जरी हुई। बताया जा रहा है कि सर्जरी से रुश्दी की जान तो बच गई, लेकिन उनको अपनी एक आंख की रोशनी गंवानी पड़ सकती है। उनको फिलहाल वेंटिलेटर पर भी रखा गया है। इसकी वजह ये है कि गले की सर्जरी हुई है और नैचुरल तरीके से सांस लेने में उनको दिक्कत हो सकती है। डॉक्टर उनकी रिकवरी के लिए हर मुमकिन कोशिश जारी रखे हुए हैं।
रुश्दी पर हमला करने वाले शख्स के बारे में अभी और जानकारी नहीं आई है। सूत्रों के मुताबिक उससे पूछताछ की जा रही है। इस शख्स ने रुश्दी का इंटरव्यू करने वाले को भी सिर पर वार कर घायल किया था। हालांकि, चोट गंभीर न होने के कारण उनको सामान्य इलाज के बाद घर जाने दिया गया। रुश्दी साल 1988 में अपनी किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ यानी शैतान की आयतें लिखने के बाद से ही कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं। किताब के प्रकाशन के बाद 1989 में ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अल-खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी किया था। खुमैनी ने रुश्दी को मारने वाले को 30 लाख डॉलर देने की घोषणा की थी।
इस इनाम में 3 लाख डॉलर का इजाफा ईरान के ही एक संगठन ने 2012 में कर दिया था। खुद के खिलाफ फतवा जारी होने के बाद से ही रुश्दी छिपकर रहने लगे थे। वो यूरोप के देश स्वीडन समेत अन्य जगहों पर रहे। हालांकि, पिछले कुछ साल से वो सुरक्षा घेरे में फिर बाहर दिखने लगे थे। साथ ही कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेने लगे थे। रुश्दी ने ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेंस’ शीर्षक की किताब लिखकर भी बहुत नाम कमाया था। उनको इस किताब के लिए बुकर और बुकर्स ऑफ बुकर सम्मान भी मिला था।