
नई दिल्ली। जीवन में धन और सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए अगर किसी देवी या देवता की पूजा करने की बात आती है तो उसमें श्री महालक्ष्मी का ही नाम लिया जाता है। धन की देवी मानी जाने वाली मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी का व्रत किया जाता है। वैसे तो ये व्रत 16 दिनों तक चलता है। लेकिन अब इसकी जगह सिर्फ एक दिन ही व्रत रखा जाने लगा है। इस बार ये व्रत शनिवार, 17 सितंबर 2022 को रखा जाएगा। महालक्ष्मी को समर्पित इस व्रत को रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं तो पूरी होती ही हैं साथ ही उन्हें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
शुभ-मुहूर्त
अष्टमी तिथि का आरंभ 17 सितंबर की दोपहर 02:33 बजे से शुरू होकर 18 सितंबर की शाम 04:15 बजे समाप्त हो जाएगा। वहीं, महालक्ष्मी का व्रत शनिवार यानी 17 सितंबर को रखा जाएगा।
पूजा विधि
1.महालक्ष्मी व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2.इसके बाद पूजा स्थल को साफ कर एक चौकी स्थापित करें।
3.इसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर श्री महालक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
4.अब महालक्ष्मी को पंचामृत से स्नान करवाएं।
5.मां को सिंदूर, कुमकुम आदि लगाकर उनका श्रंगार करें।
6.अब धूप और दीप प्रज्वलित करें।
7.मां को पुष्प हार पहनाएं।
8.इसके बाद एक पान पर लौंग, बताशा, 1 रुपए, छोटी इलायची रखकर माता को अर्पित करें।
9.श्री महालक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
10.उन्हें मिष्ठान से भोग लगाएं।
11.अब मन को पूरी तरह से शुद्ध कर महालक्ष्मी की व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
12.पूजा पूरी होने के बाद मां की विधिवत आरती करें।
13.इसके बाद माता से क्षमा याचना कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
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