नई दिल्ली। आज अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) का व्रत मनाया जा रहा है। ये व्रत संतान की लंबी आयू और खुशहाल जीवन के लिए मनाया जाता है। हर साल ये व्रत कार्तिक मास (Karthik Month) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है। ये व्रत करवा चौथ के तीन दिन बाद किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती और उनके पुत्रों की भी पूजा की जाती है।
इस दिन माताएं अपनी संतान की खुशहाल और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत मुख्यत: सूर्योदय से लेकर सूयोस्त के बाद तक होता है। शाम के समय में आकाश में तारों को देखकर व्रत का पारण किया जाता है। कुछ स्थानों पर माताएं चंद्रमा दर्शन के बाद पारण करती हैं।
अहोई अष्टमी मुहूर्त
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त – 05:39 पी एम से 06:56 पी एम
तारों को देखने के लिये साँझ का समय – 06:03 पी एम
अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय – 11:29 पी एम
करवा चौथ के समान अहोई अष्टमी का दिन भी कठोर उपवास का दिन होता है और बहुत सी महिलाएँ पूरे दिन जल तक ग्रहण नहीं करती हैं। आकाश में तारों को देखने के बाद ही उपवास को तोड़ा जाता है।