नई दिल्ली। बुधवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश जी की पूजा जी जाती है। बुधवार का दिन गजानन की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। वह रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं और उनकी आराधना से हर कार्य बिना विघ्न के पूरे हो जाते है। यदि बुधवार के दिन श्री गणेश जी की विधि-विधान से पूजा की जाए तो शुभ फल की प्राप्ति होती है, साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। कहते हैं कि किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणपति जी खुशी के देवता भी माने जाते हैं। उन्हे मोदक अत्यंत ही प्रिय हैं। हाथी के मस्तक वाले भगवान गणेश जी का वाहन चूहा है। उनकी दो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि हैं। कहा जाता है कि गणेश का सच्चे मन से स्मरण करने मात्र से ही जीवन से जुड़ी सभी बाधाओं का नाश होने लगता है।
मोदक से करें पूजा
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए उनका पसंदीदा भोग लगाना अनिवार्य है। उनकी पूजा के दौरान गजानन की प्रिय चीज ‘दूर्वा’ और ‘मोदक’ को जरूर चढ़ाना चाहिए। शास्त्रों की मानें तो गणपति जी को दूर्वा चढ़ाने से व्यक्ति धनवान हो जाता है। उसके पास किसी चीज की कमी नहीं रह जाती है।
गणपति पूजन के लाभ
रिद्धि-सिद्धि के दाता की साधना करने पर करियर-कारोबार में सफलता मिलती है। साथ ही व्यापार में भी लाभ होता है।
गणपति जी की प्रतिदिन साधना करने से जीवन के दु:ख और दरिद्रता दूर किया जा सकता है।
लंबोदर की पूजा करने से माता लक्ष्मी की असीम कृपा भी प्राप्त होती है। प्रथम आराध्य के आशीर्वाद से धन का सदुपयोग होने लगता है।
गजानन की सच्चे मन से साधना करने पर उनके दिव्य दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त होता है।
बुधवार के दिन गणपति आराधना से मन की इच्छा शीघ्र पूरी हो जाती है।