newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के सांतवे दिन पानी है मां कालरात्रि की कृपा तो इस तरह करें पूजा, ये है मंत्र

Chaitra Navratri 2023: मां कालरात्रि वैसे तो अपने भक्तों पर कृपा बरसाने वाली माता है लेकिन मां की पूजा में की गई छोटी सी भी गलती उन्हें नाराज कर सकती है। तो चलिए आपको बताते हैं किस तरह करनी है आपको मां कालरात्रि की पूजा और क्या है उनके मंत्र…

नई दिल्ली। आज, मंगलवार 28 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का सांतवा दिन है। मां कालरात्रि का रूप देखने में भयंकर है लेकिन मां अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने वाली हैं। मां कालरात्रि की पूजा से व्यक्ति का डर खत्म हो जाता है। मां शनि ग्रह और रात को नियंत्रित करने वाली देवी हैं। नवरात्रि के सांतवे दिन (Chaitra Navratri 2023 Day 7) मां की पूजा करने से व्यक्ति को तंत्र-मंत्र और जादू-टोने का डर भी नहीं रहता। इसके अलावा ग्रह दोष से भी छुटकारा मिलता है। मां कालरात्रि वैसे तो अपने भक्तों पर कृपा बरसाने वाली माता है लेकिन मां की पूजा में की गई छोटी सी भी गलती उन्हें नाराज कर सकती है। तो चलिए आपको बताते हैं किस तरह करनी है आपको मां कालरात्रि की पूजा और क्या है उनके मंत्र…

Maa Kalratri

मां कालरात्रि की इस तरह से करें पूजा (Maa Kalratri Puja)

  • मां कालरात्रि की पूजा के लिए सप्तमी के दिन मां जल्दी उठकर स्नान करें.
  • अब कलश और सभी देवी-देवताओं की पूजा कर मां कालरात्रि की पूजा करें.
  • अब मां को रोली, अक्षत, लाल चंदन, केसर, कुमकुम अर्पित कर धूप, दीप से पूजा करें.
  • मां की पूजा के दौरान उन्हें रातरानी और चंपा के फूल चढ़ाएं.
  • मां को शहद प्रिय है ऐसे में उन्हें शहद का भोग लगाएं.
  • मां कालरात्रि की आरती उतारें और भूलचूक के लिए माफी मांगे.

Maa Kalratri

ये हैं मां को प्रसन्न करने के मंत्र (Maa Kalratri Mantra)

ऊँ कालरात्र्यै नमः

उपासना मंत्र

  1. एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी.
    वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णाकालरात्रिः भयंकरी..
  2. ऊँ यदि चापि वरो देयस्त्वया स्माकं महेश्वरि. संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ऊँ..
  3. या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..

हवन में घृत गुग्गल आदि की आहुति के लिए.

4. ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नीशिन्यै महामायायै स्वाहा.