नई दिल्ली। हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी (Kalashtami 2021) मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार 1 जुलाई 2021 गुरुवार को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन भगवान शंकर के रूद्रस्वरूप भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है, साथ ही शनि देव भी शांत होते हैं।
काल भैरव के 8 स्वरूप माने गए हैं। इनमें से बटुक भैरव की पूजा गृहस्थ लोगों और साधारणजन द्वारा की जाती है जो बेहद ही लाभकारी साबित होती है। बटुक भैरव स्वरूप को सौम्य स्वरूप माना गया है।
कालाष्टमी शुभ मुहूर्त
आषाढ़ कृष्ण अष्टमी आरंभ- 02:01 पी एम, जुलाई 01
आषाढ़ कृष्ण अष्टमी समाप्त- 03:28 पी एम, जुलाई 02
कालाष्टमी महत्व
मान्यता के अनुसार, जो भैरव के भक्तों का अनिष्ट करता है उसे तीनों लोकों में से कहीं भी शरण नहीं मिलती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भय से मुक्ति प्राप्त होती है और सभी संकट आने से पहले ही दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही रोगों से मुक्ति भी प्राप्त होती है।