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Shattila Ekadashi 2023: कल मनाई जाएगी षटतिला एकादशी, भूलकर भी न करें ये 5 काम वरना…
Shattila Ekadashi 2023: षटतिला एकादशी माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना के साथ ही व्रत भी रखा जाता है। कहते हैं अगर भक्त सच्चे मन से विष्णु जी की पूजा और व्रत करते हैं तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
नई दिल्ली। नए साल 2023 के त्योहारों का सिलसिला शुरू हो चुका है। हिन्दू धर्म में एक बाद एक त्योहार, व्रत मनाए जाते हैं। कुछ दिनों पहले लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार मनाया गया है। अब एक दिन बाद यानी 18 जनवरी 2023 को षटतिला एकादशी मनाई जाएगी। षटतिला एकादशी माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना के साथ ही व्रत भी रखा जाता है। कहते हैं अगर भक्त सच्चे मन से विष्णु जी की पूजा और व्रत करते हैं तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
स्नान और दान के साथ ही तिल का महत्व
मकर संक्रांति की तरह ही षट्तिला एकादशी पर स्नान-दान के साथ ही तिल का खास महत्व होता है। कहा जाता है इस दिन तिल का दान करने से व्यक्ति के सारे दुख दूर हो जाते हैं और व्यक्ति का जीवन खुशियों से भर जाता है। इस दिन तिल का सेवन भी किया जाता है।
भूलकर भी षट्तिला एकादशी पर न करें ये गलती
- षटतिला एकादशी के दिन बैंगन और चावल का सेवन न करें.
- इस दिन मांस, मदिरा, धूम्रपान न करें और तन-मन से ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- व्रत कर रहे हैं तो पलंग की बजाय जमीन पर सोएं.
- इस दिन आपको न तो मन में बुरे विचार लाने हैं और न ही किसी के लिए अपशब्द अपने मुंह से निकालने चाहिए। आपको इस दिन झूठ बोलने से भी बचना चाहिए.
- षट्तिला एकादशी पर दातून नहीं करना चाहिए। इस दिन आपको किसी पेड़ से फूल, पत्तियां या टहनियों को भी नहीं तोड़ना चाहिए।
क्या है एकादशी का महत्व
हर महीने में दो एकादशी आती है इस तरह से देखा जाए तो साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती है। हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। बताया गया है कि एकादशी का व्रत सीधे व्यक्ति के तन और मन पर असर करता है। ऐसे में एकादशी का व्रत करते हुए आपको काफी सावधानी भी बरतनी चाहिए।