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Moryai Chhath 2022: मोरयाई छठ पर इस विधि से करेंगे सूर्य पूजा, तो मिलेंगे पूरे लाभ

Moryai Chhath 2022: भगवान सूर्यदेव को समर्पिक ये पर्व देश के अलग-अलग हिस्सों में सूर्य षष्ठी, लोलार्क षष्ठी जैसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार,  इस दिन गंगा स्नान, सूर्यदेव की उपासना, जप एवं व्रत आदि विशेष रूप से किया जाता है। इसमें व्रत में नमक खाना वर्जित है।

नई दिल्ली। देश में पूरे साल कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। उन्हीं पर्वों में से एक है मोरयाई छठ, जिसे आज मनाया जा रहा है।  सूर्य छठ का पर्व हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जो आज है। हिंदू धर्म में किसी न किसी बहाने प्रकृति को पूजने का प्रावधान है। इसी क्रम में मोरयाई छठ पर सूर्य देवता की पूजा करने का नियम है। भगवान सूर्यदेव को समर्पिक ये पर्व देश के अलग-अलग हिस्सों में सूर्य षष्ठी, लोलार्क षष्ठी जैसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार,  इस दिन गंगा स्नान, सूर्यदेव की उपासना, जप एवं व्रत आदि विशेष रूप से किया जाता है। इसमें व्रत में नमक खाना वर्जित है। छठ पर्व के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने से सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न होते हैं…

शुभ मुहूर्त-

आज, शुक्रवार, 2 सितंबर 2022, को  भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि दोपहर 01:51 बजे तक रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि का आरंभ हो जाएगा, जो रात अंत बना रहेगा। शुक्रवार के दिन सूर्योदय विशाखा नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। मातंग नामक का शुभ योग भी पूरे दिन बना रहेगा। इसके अलावा, इस दिन इंद्र और वैधृति नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन बने रहेंगे। वहीं, राहुकाल सुबह 10:53 से दोपहर 12:26 तक रहेगा।

पूजा विधि-

1.सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद तांबे के लोटे में स्वच्छ जल चावल व लाल फूल भरकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।

2.जल चढ़ाते समय ऊं रवये नम: मंत्र का जप करें। ट

3.इसके बाद धूप, दीप जलाकर सूर्यदेव की पूजा करें।

4.सूर्य छठ के दिन सूर्य से संबंधित चीजों जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, लाल चंदन आदि का दान करें।

5.इस व्रत में एक समय ही फलाहार करें।

6.सूर्य छठ के व्रत में भूलकर भी नमक न खाएं।