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Navratri Third Day 2023: मां चंद्रघंटा को समर्पित है नवरात्रि का तीसरा दिन, इस तरह से पूजा करने पर मिलेगा आशीर्वाद

Navratri Third Day 2023: अगर आप भय और संकट से दूर रहना चाहते हैं तो मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की उपासना जरूर करें। कहा जाता है कि जो भी भक्त मां चंद्रघंटा की सच्चे मन से उपासना करता है उसके सभी दुख दूर होते हैं साथ ही मां उसे मनोवांछित फल भी देती हैं। चलिए अब आपको बताते हैं किस तरह से करनी है आपको मां चंद्रघंटा की पूजा ताकि आपको मां अपना आशीर्वाद दे…

नई दिल्ली। मां दुर्गा की आराधना के पावन दिन जारी है। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि का हिन्दू धर्म में खास महत्व होता है। ये दिन काफी पवित्र और खास मानें जाते हैं ऐसे में इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा के अलावा कई तरह के नियमों का पालन भी किया जाता है। नवरात्रि के इन दिनों में मांस, मदिरा, धूम्रपान से दूर रहने के लिए तो कहा जाता है ही साथ ही सात्विक जीवन जीने के लिए कहा जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से हुई थी और ये 30 मार्च को खत्म होंगे। नवरात्रि का आज तीसरा दिन (Navratri Third Day 2023) है और तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है।

Chaitra Navratri 2023..

मां चंद्रघंटा भय और संकट को दूर करने वाली देवी हैं ऐसे में अगर आप भी भय और संकट से दूर रहना चाहते हैं तो मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की उपासना जरूर करें। कहा जाता है कि जो भी भक्त मां चंद्रघंटा की सच्चे मन से उपासना करता है उसके सभी दुख दूर होते हैं साथ ही मां उसे मनोवांछित फल भी देती हैं। चलिए अब आपको बताते हैं किस तरह से करनी है आपको मां चंद्रघंटा की पूजा ताकि आपको मां अपना आशीर्वाद दे…

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की इस तरह से करें पूजा

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • अब नए कपड़ों को धारण करें, नए वस्त्र न हों तो साफ, धुले हुए कपड़ों को धारण करें.
  • अब जहां मां की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित करने जा रहे हैं वहां गंगाजल छिड़कें.
  • उस स्थान को शुद्ध करने के बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसपर मां की तस्वीर को स्थापित करें
  • अब मां के सामने दीपक जलाएं.

Chaitra Navratri 2023 Date

  • अब अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि मां को चढ़ाएं और मां को भोग लगाएं.
  • मां को केसर, दूध से बनी चीजों का भोग जरूर लगाएं.
  • अब मां को कुछ फल और शहद भी अर्पित करें.
  • मां को भोग लगाने के बाद उनकी आरती उतारें और भोग को प्रसाद के रूप में सभी में बाटें.