नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। आज कामदा एकादशी है। ये एकादशी चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। इस बार ये व्रत मंगलवार यानी 12 अप्रैल को पड़ रही है। इसे हिंदू संवत्सर की पहली एकादशी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने के बाद भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही नहीं, इस व्रत को विधिपूर्वक करने से प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो जितना पुण्य कन्यादान, स्वर्ण दान और हजारों वर्षों की तपस्या करने से मिलता है, उससे कहीं अधिक पुण्य कामदा एकादशी का व्रत करने से मिल जाता है।
पूजा का शुभ-मुहूर्त
कामदा एकादशी का व्रत 12 अप्रैल, मंगलवार को रखा जाएगा। इसकी तिथि 12 अप्रैल सुबह 04 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होकर 13 अप्रैल सुबह 05 बजकर 02 मिनट तक रहेगी। एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा और इस व्रत का पारण 13 अप्रैल दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 12 मिनट तक किया जाएगा।
कामदा एकादशी का महत्व
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कामदा एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। सर्व कार्य सिद्धि और मनोकामना पूर्ति के लिए इस एकादशी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें भगवान विष्णु की पूजा करने से प्रेत योनि से भी मुक्ति मिलने के साथ घर में कलेश और दुख भी दूर हो जाते हैं। इसके अलावा जीवन में सुख-शांति और संपन्नता भी आती है। इस व्रत के प्रभाव से उपासक की सभी बुरी आदतों से भी छुटकारा मिलता है।