नई दिल्ली। हिंदु धर्म में नवरात्रि का त्योहार बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो पूरे साल भर में 4 नवरात्रे आते हैं लेकिन इनमें से दो नवरात्रियों का ज्यादा महत्व होता है। कहते हैं जो लोग नवरात्रि में मां की पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें देवी दुर्गा की खास कृपा मिलती है। ऐसे में लोगों को देवी मां को प्रसन्न करने के लिए सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल यानी कल शनिवार से शुरू होकर 11 अप्रैल को रामनवमी के साथ समाप्त हो जाएगी। 2 अप्रैल को ही कलश स्थापना की जाएगी। जो लोग पहली बार नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं उन्हें बता दें, पहले दिन मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा।
मां शैलपुत्री को सफेद कनेर के फूल बेहद प्रिय हैं। ऐसे में पूजा करते समय सफेद कनेर के फूलों की माला मां को पहनानी चाहिए। मां के स्वरूप की बात करें तो मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल है। मां वृषभ पर विराजमान हैं, जो पूरे हिमालय पर राज करती है।
मां शैलपुत्री मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
क्या है पूजा विधि
इस दिन आपको सबसे पहले जल्दी उठकर स्नान आदि करना चाहिए।
अब साफ कपड़ों को धारण करें।
अब घर में बने मंदिर को अच्छे से साफ कर लें।
अब मां शैलपुत्री को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें।
आपको मां शैलपुत्री के मंत्रों का जप भी करना चाहिए।
मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
अब मां की आरती करें और प्रसाद अर्पित करें।