नई दिल्ली। हिंदू पंचांग मे विवाह पंचमी का खास धार्मिक महत्व बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता विवाह के बंधन में बंधे थे। ये तिथि हर साल मार्गशीर्ष (माघ) की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ती है। इस बार पंचमी विवाह सोमवार यानी 28 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाने का नियम है। तो आइए जानते हैं कि इस बार विवाह पंचमी का शुभ-मुहूर्त क्या है और इसकी पूजा कैसे की जाती है…
शुभ-मुहूर्त
पंचमी तिथि का प्रारम्भ- 27 नवम्बर 2022 की शाम 04:25 बजे
पंचमी तिथि का समापन- 28 नवम्बर 2022 की दोपहर 01:35 बजे
पूजा-विधि
1.विवाह पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद श्रीराम और माता सीता के विवाह का संकल्प लें।
2.इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करके एक चौकी स्थापित करें।
3.अब चौकी पर श्री राम और माता सीता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
4.तत्पश्चात भगवान को पीले और माता सीता को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें।
5.इसके बाद बालकांड में मौजूद विवाह प्रसंग का पाठ करें।
6.इसके अलावा, ‘ओम् जानकीवल्लभाय नमः’ मंत्र का 108 बार जप करें।
7.इसके बाद मां सीता और श्रीराम का गठबंधन कर उनकी आरती उतारें।
8.अंत में गांठ लगे इस वस्त्र को अपने पास सुरक्षित रख लें।