नई दिल्ली। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज या हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार व्रत के रूप में लगभग पूरे उत्तर भारत में मनाया जाता है जिसमें विवाहित महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। इस बार हरियाली तीज 11 अगस्त को पड़ रही है। बता दें कि इस व्रत को करवाचौथ के व्रत से भी ज्यादा कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत को रखने वाली ज्यादातर महिलाएं पूरे दिन बिना पानी की एक बूंद पिए ही रहती हैं। इस दिन सुहागिनें 16 श्रृंगार करती हैं। इसका अलग महत्व है।
हरियाली तीज सुहागिनों के लिए सजने-संवरने और पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करने का प्रतिक माना गया है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं। जिसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पहले के समय में कई तरह के 16 श्रृंगार हुआ करते थे, जिसमें अधरों, नख का रंगना और तांबूल समेत कई श्रृंगार सामग्री शामिल थी। हालांकि आजलक लिपस्टिक और नेलपेंट का समय आ गया है। इस लेख में हम आपको 16 श्रृंगार के बारे में बताएंगे कि किस तरह ये श्रृगांर किया जाता है।
ऐसे करें 16 श्रृंगार
हरियाली तीज के दिन महिलाएं भूलकर भी न करें ये 5 काम
• इस दिन महिलाओं को क्रोध नहीं करना चाहिए। मन में गुस्सेल को शां करने के लिए महिलाएं हाथों में मेंहदी लगाती है क्योंंकि यह उनके दिमाग को शांत रखने में मदद करती है।
• व्रत के दिन पूरी रात जाग कर पूजा करनी चाहिए। मान्यगता है कि यदि व्रत रखने वाली महिला रात में सो जाती है तो वह अगले जन्मी में अजगर के रूप में जन्मव लेती है।
• यदि इस दिन व्रत रखने वाली महिला गलती से भी कुछ खा या पी ले तो वह अगले जन्म में वानर बन जाती है। इसलिए इस दिन निर्जल रहना चाहिए।
• वे लड़कियां या महिलाएं इस दिन व्रत नहीं रखती वे अगले जन्म में मछली बन जाती हैं। और यदि गलती से भी वे मांस मछली का सेवन कर लें तो उन्हें कठोर श्राप मिलता है।
• हरतालिका व्रत का महत्वी जानते हुए भी यदि कोई लड़की या सुहागन जान कर दूध पी ले तो वह अगले जन्म में सर्प योनि में जन्मभ लेती है।