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‘इट हैपेन्स ओनली इन कोटा (IHOIK)’: हर छात्र की आवाज बना यह सोशल मीडिया अकाउंट

IHOIK: इंजीनियरिंग, मेडिकल ओलम्पियाड आदि में सफलता की तैयारी के लिए बच्चे अपने घर,परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों को छोड़ कोटा आकर हॉस्टल के छोटे से कमरे में आशियाना बना अपने पंखो को उड़ान देते है। नए माहौल में जब यह पंख उड़ान भरने को तैयार होते है तब कई समस्याएं उन योद्धाओं के सपनो में बाधाएँ उत्पन्न करने लग जाती है।

नई दिल्ली।  राजस्थान का कोटा शहर, जहां पुरे देश के कौने-कौने से 14 से लेकर 22 वर्ष तक की उम्र के विद्यार्थी अपने सपनो को आकार देने, बड़ी उम्मीद के साथ आते है। इंजीनियरिंग, मेडिकल ओलम्पियाड आदि में सफलता की तैयारी के लिए बच्चे अपने घर,परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों को छोड़ कोटा आकर हॉस्टल के छोटे से कमरे में आशियाना बना अपने पंखो को उड़ान देते है। नए माहौल में जब यह पंख उड़ान भरने को तैयार होते है तब कई समस्याएं उन योद्धाओं के सपनो में बाधाएँ उत्पन्न करने लग जाती है। नया स्थान, अनजान शहर, लाखो प्रतियोगी,बदलता वातावरण, कई दिक्कतें और इन सबसे बड़ी समस्या पढ़ाई का तनाव, यह परिथितियां किशोरवस्था के बच्चो के हौंसले को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ती। इन विपरीत परिस्थितियों  में विद्यार्थी अकेलेपन का शिकार हो कर अपने सपनो को बिखरते देखता है। लेकिन इस कोटा में  लाखों विद्यार्थियों की उम्मीद एवं उनके हौसले को बनाए रखता है “इट हैपंस ओनली इन कोटा(IHOIK)” सोशल मीडिया प्लेटफार्म । IHOIK कोटा में एक अच्छे कैटलिस्ट की भूमिका निभा रहा है,जो इन विद्यार्थियों की सफलता में आने वाली परेशानियों को सोशल मीडिया के माध्यम से संज्ञान में लाता है और उनको परेशानी से निजात दिलवाने में मदद करता है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म कर रहा विद्यार्थियों की मदद

IHOIK की शुरुआत कोटा में आकर मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने वाले छात्रों ने की I IHOIK के फाउंडर मेंबर बिहार के समस्तीपुर जिले के विद्यापतिधाम अंशु महाराज ने बताया कि उन्ही की तरह अन्य छात्रों को मुसीबत में अकेला पाया तो मन में इन छात्रों के लिए एक कॉमन प्लेटफार्म बनाने का विचार आया ताकि छात्र वहां पर अपनी बात रख सके और उस बात का उचित समाधान उनको मिल सके। अंशु का सहयोग करने वाली टीम में विवेक, आशीष, रिया, आकृति, मुस्कान, श्रेया प्रमुख हैं जो हर समय छात्रों की समस्या को सुलझाने में तत्पर रहते है। फ़िलहाल फेसबुक,ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि प्लेटफार्म पर IHOIK उपलब्ध है और छात्रों की पहली पसंद बना हुआ है।

 IHOIK छात्रों के द्वारा ही चलाया जा रहा सोशल मीडिया के संरचनात्मक प्रयोग की मिसाल कायम कर रहा है। कभी गुदगुदाते मीम्स, कभी पुराने दिनों की याद दिलाती कहानियां, कभी कोटा को शहर से घर बना देने वाले किस्से तो कभी कुछ कर दिखाने का मोटिवेशन इसके अलावा छात्रों के लिए जरूरी हर ख़बर सुचना, सब कुछ IHOIK के प्लेटफार्म पर आसानी से उपलब्ध हो रहती है। हॉस्टल,मेस,तनाव,अनुभव, पढाई में आने वाली परेशानियां आदि छात्रहित से जुड़े हर मुद्दे पर यह प्लेटफार्म मजबूती से कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के साथ खड़ा रहता हैI हॉस्टल मालिको द्वारा अनैतिक तरीके से फीस वृद्धि का मुद्दा हो हो या छात्रों के साथ होने वाली कोई भी घटना, छात्र IHOIK की टीम को यह मसला पूरी उम्मीद से बताते है और फिर उन्हें IHOIK का साथ जरूर मिलता है।छात्रों की पहचान भी उजागर नहीं की जाती और मामला उपयुक्त प्रशासन के संज्ञान में लाया जाता है।

कोरोना के समय निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान छात्रों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने में IHOIK ने अहम भूमिका निभाई थी। ट्विटर पर इनके द्वारा चलाये गए हैशटैग “#SendUsBackHome” ने कोटा से छात्रों के सकुशल घर वापसी की बुनियाद तैयार की, वहीं जिला प्रशासन के साथ मिलकर इन्होंने छात्रों तक सटीक सूचना पहुंचाने का कार्य किया। इसके अलावा कोटा में रहने वाले ऐसे लोग जो भोजन का इंतजाम करने में असमर्थ थे उनके लिए लगातार भोजन आदि की भी व्यवस्था की।IHOIK के द्वारा चलाया गया “#No_to_Suicide”अभियान भी छात्रों के बीच खासा लोकप्रिय हुआ, इस अभियान का उद्देश्य कोटा में छात्रों को तनाव मुक्त रखना और उन्हें एक ऐसा माहौल देना है जहां वो अपनी समस्याएं खुल कर रख सकें। छात्रों को तनावमुक्त रखने के लिए समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी IHOIK के द्वारा करवाया जाता है जिसमें ‘ब्लाज्म ऑफ वर्ड्स’ और ‘कोटा लैंटर्न फेस्टिवल’ प्रमुख है वहीं पर्यटन का शौक रखने वाले छात्रों के लिए ‘एक्स्कर्जन’ का आयोजन होता है। करियर काउंसलिंग, परीक्षा सम्बन्धित जानकारी, फॉर्म भरने में सहयोग समेत कम आय वर्ग के छात्रों के लिए बुक डोनेशन ड्राइव का आयोजन भी IHOIK के द्वारा किया जाता रहा है।

 

इट हैपंस ओनली इन कोटा के फाउंडर अंशु महाराज का मानना है कि महज संवाद स्थापित करने भर से छात्रों की अधिकांश समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। अंशु बताते हैं कि “इस तरह के प्लेटफार्म को बनाने का उद्देश्य ही छात्रों को एकांत के दुष्प्रभावों से बचाना था। इस सोशल मीडिया पेज के सभी हैंडल्स छात्रों के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं जहां एक टीम उनकी समस्याओं के त्वरित निदान को तत्पर रहती है।”फिलहाल इंस्टाग्राम पर इस पेज के 84 हजार से ज्यादा  तो, फेसबुक पर 1 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स है। वहीं IHOIK ट्विटर अकाउंट, वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के माध्यम से भी छात्रों तक उपयोगी जानकारियां पहुंचाता है ।