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Loksabha Elections 2024: बिहार में इस बार भी एनडीए जीतेगा सबसे ज्यादा सीटें

Loksabha Elections 2024: फरवरी के अंत में आए इंडिया टीवी-सीएनएक्स के सर्वेक्षण के अनुसार, एनडीए बिहार में कुल40 लोकसभा सीटों में से 35 सीटें जीत सकता है। सर्वे में कहा गया है कि विपक्षी इंडिया समूह बिहार में पांच लोकसभा सीटें जीत सकता है। पार्टीवार आंकड़े देखें तो भाजपा को 17, सहयोगी जदयू 12, हम 1, आरएलएम 1, आरएलजेपी 1, एलजेपी-आर 3 सीटें मिल सकती हैं।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार 400 पार का नारा दिया है। इस नारे को हकीकत बनाने के लिए देश के हरेक छोर में नए-नए समीकरण बनाए जा रहे हैं। वहीं बिहार जैसे राज्य जहां से 40 सांसद चुने जाते हैं, वहां भी सीटों का फार्मूला तय हो गया है। राज्य में एनडीए के तहत भारतीय जनता पार्टी 17 सीटों पर, जनता दल यूनाईटेड 16 सीटों पर और लोक जनशक्ति पार्टी पांच सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के एक-एक उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। इस बीच सामने आए चुनावी सर्वे भी संकेत दे रहे हैं कि बिहार में भाजपा नीत एनडीए को पिछली बार की तरह ही बड़ी बढ़त मिल सकती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और दूसरा मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं हैं।

बिहार में इस बार भाजपा का प्रदर्शन और बेहतर होने की उम्मीद क्यों इसके लिए हमें यह समझना पड़ेगा कि पिछली पिछली बार राज्य में भाजपा का प्रदर्शन कैसा था ? इस बार बिहार में भाजपा आगे कैसे है, सीटों का समीकरण क्या है ? अब इस बार गठबंधन के कारण और भी फायदा मिलेगा ? विकास कार्यों का परिणाम चुनाव में कैसे दिखेगा? मोदी सरकार की किस योजना का कितने लोगों को मिला कितना लाभ ?

पिछली बार राज्य में 40 में से 39 सीटें एनडीए के खाते में गई थीं जबकि एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत मिली थी। पिछली बार भाजपा को 23.58 मत प्रतिशत के साथ सबसे ज्यादा 17 सीटों पर सफलता मिली थी, वहीं साथी दलों जदयू ने 16 और लोजपा ने 6 सीटें जीती थीं। वहीं लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) खाता भी नहीं खोल पाई थी।

हाल के वर्षों में अपनी योजनाओं से भाजपा ने लाभार्थी मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी फ्लैगशिप योजनाओं का है जिनका फायदा सभी को मिला है। बिहार राज्य भी इन योजनाओं का बड़ा लाभार्थी साबित हुआ है। 21 मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) के अंतर्गत कुल 10.32 करोड़ कनेक्शन जारी किए गए हैं। वहीं उज्जवला 2.0 के अंतर्गत 21 मार्च 2024 तक 23.38 लाख कनेक्शन जारी हुए हैं। वहीं बिहार के लाभार्थियों कि बात करें तो इनकी संख्या 1.16 करोड़ है। इनमें से 84.77 लाख कनेक्शन पहले की पीएमयूवाई योजना के तहत जारी किए गए हैं और 31.45 लाख कनेक्शन उज्ज्वला 2.0 के तहत जारी किए गए हैं।

मोदी सरकार की दूसरी चर्चित योजना है आयुष्मान भारत या पीएम-जय। आयुष्मान भारत पीएम-जय विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य प्रतिवर्ष पर परिवार को 5 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। योजना की शुरुआत के बाद से अब तक कुल 33.79 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं जिनमें से 2.61 करोड़ लाभार्थी बिहार से हैं। इस तरह से यूपी, एमपी और महाराष्ट्र के बाद बिहार आयुष्मान कार्ड का चौथा सबसे बड़ा लाभार्थी राज्य है। वहीं कुल मिलाकर 6.50 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने अस्पताल में जाकर इसका लाभ लिया है और इनमें से 81.97 लाख लोग बिहार के हैं।

एक अन्य महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना है जिसका लक्ष्य है कि रहने के लिए सबको पक्की छत मिले। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 21 मार्च 2024 तक 1.18 करोड़ घर स्वीकृत किए जा चुके हैं जिनमें से बिहार के लाभार्थी 3.14 लाख हैं। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 22 मार्च 2024 तक 2.94 करोड़ मकान स्वीकृत किए जा चुके हैं जिनमें से बिहार के लाभार्थियों की संख्या 37.01 लाख है।

सर्वे क्या कहते हैं

अबकी बार बिहार में भाजपा आगे कैसे है, सीटों का समीकरण क्या है? लोकसभा चुनाव से पहले आए तमाम सर्वे इस बात के संकेत दे रहे हैं कि एक बार फिर राज्य में एनडीए कमाल दिखा सकता है।

एबीपी न्यूज सी-वोटर के सर्वे बताते हैं कि एनडीए को 50% वोट शेयर मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन को 35% वोट मिलने का अनुमान है। सर्वेक्षण के अनुमान हैं कि एनडीए 32 सीटें जबकि कांग्रेस-राजद गठबंधन 8 सीटें जीत सकता है।

फरवरी के अंत में आए इंडिया टीवी-सीएनएक्स के सर्वेक्षण के अनुसार, एनडीए बिहार में कुल
40 लोकसभा सीटों में से 35 सीटें जीत सकता है। सर्वे में कहा गया है कि विपक्षी इंडिया समूह बिहार में पांच लोकसभा सीटें जीत सकता है। पार्टीवार आंकड़े देखें तो भाजपा को 17, सहयोगी जदयू 12, हम 1, आरएलएम 1, आरएलजेपी 1, एलजेपी-आर 3 सीटें मिल सकती हैं। वहीं दूसरी ओर इंडिया समूह में राजद को 4 जबकि कांग्रेस 1 सीट जीत सकती है। इस सर्वे का अनुमान है कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 52 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है, जबकि इंडिया समूह को 34 फीसदी वोट मिल सकता है। निर्दलीय समेत ‘अन्य’ को 14 फीसदी वोट मिल सकते हैं।

12 फरवरी से 1 मार्च तक सीएनएन-न्यूज18 के सर्वेक्षण में भारत के 21 प्रमुख राज्यों को शामिल किया गया था। इसमें बिहार का भी सर्वे किया गया। 14 मार्च को इस सर्वे के आंकड़े जारी किए गए। इनके सर्वेक्षण के अनुसार एनडीए को बिहार में 40 में से 38 सीटें मिलने की बात कही गई है। सर्वे में एनडीए को 58%, इंडी गठबंधन को 28% और अन्य को 14% वोट शेयर मिलने की बात कही गई है।