भाजपा सांसद संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर देशद्रोही होने का आरोप लगाकर उन्हें उच्च दर्जे का गद्दार कह दिया, ऐसा पात्रा ने क्यूं कहा इसके लिए उन्होंने तमाम तरह से अपना पक्ष रखा है। बहरहाल ये सब तो सुर्खियों में है ही कि पात्रा ने ऐसा क्यों कहा लेकिन कांग्रेसियों को पात्रा के तीखे शब्दों से मिर्ची क्यूं लग रही हैं जबकि वह इससे भी खराब शब्दों का प्रयोग पिछले दस सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए करते आए हैं। राहुल सिर्फ एक पार्टी के नेता हैं जबकि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। पिछले दस सालों में जितने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग तमाम नेताओं ने खासकर के कांग्रेसियों ने पीएम मोदी के लिए किया है उतने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग शायद ही भारतीय राजनीति में किसी के लिए किया गया हो।
बौखलाई कांग्रेस ने राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है। कांग्रेस बताए कि राहुल गांधी ने राफेल मामले में झूठे आरोप लगाकर चौकीदार चोर है बोलकर पीएम मोदी का अपमान क्यूं किया था। और भी तमाम मौके ऐसे रहे जब प्रधानमंत्री का असंसदीय शब्दों में अपमान किया गया। ऐसे में यदि राहुल गांधी को लेकर किसी सांसद ने तीखे शब्द बोल भी दिए तो उसको इतना बड़ा मुद्दा बनाने की कांग्रेस को जरूरत क्या है। विज्ञान का नियम है, क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, वैसा ही हुआ। जैसे शब्दों का प्रयोग कांग्रेसी पीएम मोदी के लिए करते आए हैं तो जाहिर बात है कभी न कभी उनके नेता के लिए भी ऐसे शब्द प्रयोग किए ही जाएंगे।
दरअसल गांधी परिवार आज तक अपनी राजशाही सोच से निकल नहीं पाया है। सत्ता पाने की बौखलाहट उनके व्यवहार और शब्दों से साफ झलकती है। सारी दिक्कत सोच और मानसिकता की ही है। नेहरू-गांधी परिवार आज नहीं शुरू से ही राजशाही मानसिकता से काम करता रहा है । इतिहास के पन्नों में ढेरों ऐसे उदाहरण है जब इस परिवार ने अपनी असफलताओं और अक्षमताओं का ठीकरा दूसरों पर फोड़ा है। इंदिरा गांधी ने अपनी गलतियों को स्वीकार करने के बजाय पार्टी का विभाजन करा दिया । इस परिवार के मन-मस्तिष्क से यह सोच शायद आज भी नहीं निकल पा रही है कि वे सर्वश्रेष्ठ हैं, उन्हें तो हर सूरत में चुनाव जीतना ही था, वे विपक्ष में कैसे बैठ सकते हैं?
राहुल गांधी कुछ भी बोलें, तमाम कांग्रेसी नेता किसी भी तरह की भाषा का प्रयोग करें लेकिन यदि कोई उनके लिए कुछ बोल दे तो उन्हें बर्दाश्त नहीं। गांधी परिवार की परिक्रमा करो तो सब ठीक है। आपके सारे गुनाह माफ हैं, आप किसी का भी अपमान कर सकते हैं। फिर चाहे वह देश के प्रधानमंत्री ही क्यों न हों। 2019 के चुनावों के दौरान मासूम बच्चों से मोदी को गाली दिलवाने वाला वीडियो आज तक इंटरनेट पर मौजूद है, इस वीडियो में कांग्रेस के युवराज की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा बच्चों से पीएम मोदी के लिए अपशब्द बुलवा रहे हैं और वहां खड़े होकर हंस रही हैं।
बिना किसी मुद्दे पर संसद ठप करने वालों के खिलाफ यदि कोई तथ्यों के साथ आरोप लगाता है तो भी कांग्रेसियों को मिर्ची लगती हैं, क्यों? कांग्रेस नेताओं की पीएम मोदी के लिए प्रयोग किए गए अपमानजनक शब्दों और गालियों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। खुद राहुल गांधी की माता जी सोनिया गांधी पीएम को जहर की खेती करने वाला कह चुकी हैं।
मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘नीच आदमी’ कह चुके हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर सोशल मीडिया में उनके लिए गालियों भरे शब्दों का प्रयोग किया था। राहुल गांधी उनके लिए ‘जवानों के खून के दलाल’ जैसे शब्दों का प्रयोग कर चुके हैं। असत्य का सौदागर और भी न जाने कैसे—कैसे अर्मयादित शब्दों का प्रयोग कांग्रेसी उनके लिए अतीत में करते आए हैं। वैश्विक स्तर पर भारत को एक नई पहचान दिलाने वाले, देश के सर्वमान्य नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जब इस तरह के घटिया शब्दों का इस्तेमाल कांग्रेसी करते आए हैं तो अब मिर्ची नहीं लगनी चाहिए। क्रिया की प्रतिक्रिया के सिद्धांत पर उन्हें चुप रहना चाहिए, क्योंकि उन्हें चिल्लाना शोभा नहीं देता। कुछ बोलने से पहले वे अपने गिरेबान में झांक लें तो बेहतर होगा।
डिस्कलेमर: उपरोक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं ।