
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गौतम अडानी के समर्थन में आ चुका है। आरएसएस ने अपनी पत्रिका ऑर्गेनाइजर में लेख के जरिए ना महज अडानी का समर्थन किया है, बल्कि उन सभी लोगों को भी आड़े हाथों लिया है, जो वर्तमान में अडानी पर हमलावर हैं। जी हां… बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं आप…आगे हम आपको आरएसएस के पूरे बयान के बारे में तफसील से बताएंगे, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि जब से हिंडनबर्ग ने अडानी समूह की बजबजाती आर्थिक स्थिति की पोल खोली है, तब जारी सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। उधर, शेयर बाजार में अडानी से संबंधित सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है। वहीं, इस पूरे मसले को लेकर सियासी मोर्चे पर भी बवाल का सिलसिला जारी है।
आपको बता दें कि पूरे मसले की विपक्षी दल जेपीसी से जांच कराने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार बीते शुक्रवार को संसद में स्पष्ट कर चुकी कि उक्त प्रकरण में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। वहीं आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी चुप्पी तोड़ी है। इसके अलावा आरबीआई ने भी अडानी मामले में बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि अडानी ग्रुप को ऋण देने में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियिमितता नहीं बरती गई है। लेकिन, इसके बावजूद भी सियासी मोर्चे पर जारी सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसी बीच आरएसएस ने पूरे मसले पर बड़ा बयान जारी किया है। आइए, आपको विस्तार से बताते हैं कि संघ ने क्या कुछ कहा है।
पहले तो आप यह जान लीजिए कि संघ ने अपनी पत्रिका में खुलासा किया है कि पिछले कई वर्षों से अडानी के खिलाफ साजिश रची जा रही है। पत्रिका में कहा गया है कि वो अलग बात है कि साजिश को अब अंजाम दिया गया है, बल्कि साजिश का सिलसिला तो साल 2016-17 से ही जारी है। जिसे अब अंजाम दिया गया है। पत्रिका ने दावा किया है कि पिछले कई वर्षों से वामपंथी संगठन अडानी के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं जिसे अब जीवंत करने की दिशा में कदम उठाया गया है। आपको बता दें कि आरएसएस ने अपनी पत्रिका ‘ डिकोडिंग द हिट जॉब बाई हिंडनबर्ग अगेंस्ट अडानी ग्रुप ‘ नामक लेख प्रकाशित किया है, जिसमें पूरे मसले के संदर्भ में विस्तृत जानकारी समाहित है। लेख में दावा किया गया है कि अडानी के साम्राज्य के तहश-नहश करने में कुछ विदेशी ताकतें भी शामिल हैं।
बता दें कि इस पूरे मसले को लेकर पिछले कई दिनों से हिंदुस्तान की राजनीति में सियासी बवाल जारी है, लेकिन यह पहली मर्तबा है कि आरएसएस ने इस पूरे मसले पर बयान जारी किया है। उधर, सरकार की तरफ से स्पष्ट किया जा चुका है कि इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने भी स्पष्ट कर दिया है कि नियमों के अनरूप ही अदानी समूह को कर्ज मुहैया किए गए हैं। आरबीआई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत में बैंकों की स्थिति बिल्कुल दुरूस्त है। खैर, बेशुमार दुश्वारियों के बावजूद भी अडानी मामले को लेकर सियासी मोर्चे पर जारी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।