नई दिल्ली। जब से हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की बजबजाती आर्थिक हालत का खुलासा किया है, तब से देश-दुनिया में शुरू हुआ बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शेयर बाजार की हालत देखिए कि अडानी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिर रहे हैं। निवेशक अडानी ग्रुप से दूरी बनाते जा रहे हैं। उधर, सियासी मोर्चे पर भी बवाल जारी है। संसद में बजट सत्र में विपक्षी अडानी मसले को लेकर केंद्र सरकार की घेराबंदी करने में जुटे हुए हैं। विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार से इस पूरे मसले की जेपीसी से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। उधर, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज इसे पूरे मसले पर अपना बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इसके अलावा आरबीआई ने भी बीते शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया था कि अदानी समूह को ऋण देने में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई है। लिहाजा आम लोगों को किसी भी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं आज इस पूरे मसले पर सेबी ने भी बयान जारी कर दिया है। आइए, आपको विस्तार से बताते हैं कि सेबी ने क्या कुछ कहा है।
सेबी ने क्या कहा?
अदानी मामले में सेबी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि सेबी हमेशा ही बाजार की अखंडनता को सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध है। सेबी ने कहा कि हम चाहते हैं कि बाजार पारदर्शी और कुशल तरीके से काम करे। हम चाहते हैं कि बाजार कुशल और व्यवस्थित तरीके से काम करें। सेबी ने आगे कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला हमेशा ही जारी रहता है। बहरहाल, अब यह सिलसिला कब तक जारी रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। सेबी ने आगे अपने बयान में कहा कि देश की बैंकिंग व्यवस्था बिल्कुल दुरूस्त बनी हुई है। लिहाजा किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं, सेबी की सफाई पर टीएमसी सांसद ने बयान जारी कर कहा कि यह कथन इस मायने में अलग है कि यह परिणाम के बिल्कुल कुछ भी नहीं बताता है! लगता ही है @SEBI_India जानते हैं जून 2021 से अब तक क्या कार्रवाई की गई है!
This statement stands out in that it manages to state absolutely nothing of consequence!
It seems only @SEBI_India knows what action has been taken since June 2021!#SleepingSEBI pic.twitter.com/UXlkUxREFt
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) February 4, 2023
ध्यान रहे कि इससे पहले आरबीआई ने भी पूरे मामले में अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। उधर, अब जैसे-जैसे इस पूरे मसले को लेकर सियासी बहस की तपिश बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे इसे लेकर सियासी बवाल का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। वहीं, संसद में इस पूरे मसले को लेकर राजनीतिक संग्राम का सिलसिला जारी है। बता दें कि इससे पहले अदानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने का विकल्प तलाशने की बात कही थी। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।