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यूपी के बाद अब उत्तराखंड ने बढ़ाया डीए, इतने लाख कर्मचारियों का बढ़ा महंगाई भत्ता

Uttrakhand :प्रदेश सरकार के इस फैसले के उपरांत ढाई लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए में तीन फीसद का इजाफा किया गया है। बीते दिनों में हुई प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडलीय बैठक में कर्मचारियों के डीए में बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि अब कर्मचारियों के पेंशनरों को के डीए के दर को तीन फीसद करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने खेल विश्वविद्यालय ने स्थापित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा भी है।

नई दिल्ली। देश की कार्यपालिका को सशक्त करने की दिशा में सरकार सम-समय पर कोई न कोई कदम उठाती रहती है, ताकि राष्ट्र के लोकतंत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में सभी अवरुद्धों को खंडित किया जा सकें और भारतीय लोकतंत्र को विराट होने के साथ-साथ सुदृढ़ बनाया जाए। इसी कड़ी में विभिन्न राज्य सरकारें समय-समय पर कोई न कोई कदम उठाती रहती है। पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में इजाफा किया और अब उत्तराखंड सरकार द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा करने की खबर है। बता दें कि अब उत्तराखंड में अब कर्मचारियों के डीए में 31 फीसद कर दिया गया है। इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने डीए में 3 फीसद का इजाफा किया था।

इतने लाख कर्मचारियों को होगा फायदा

प्रदेश सरकार के इस फैसले के उपरांत ढाई लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए में तीन फीसद का इजाफा किया गया है। बीते दिनों में हुई प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडलीय बैठक में कर्मचारियों के डीए में बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि अब कर्मचारियों के पेंशनरों को के डीए के दर को तीन फीसद करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने खेल विश्वविद्यालय ने स्थापित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा भी है।

बता दें कि यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होने जा रहा है। प्रदेश में उभरती खेल प्रतिभाओं को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है। इसके अलावा पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदर लाल बहुगुणा की स्मृति में प्रकृति एवं पर्यावरणसु पुरस्कार के प्रस्ताव को भी मूंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अलावा बिजली दरों में भी छूट प्रदान की गई है। माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार के इस कदम ओद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी। जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था विकसित होगी।