
नई दिल्ली। चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो VIVO पर बड़ा आरोप लगा है। हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ ने प्रवर्तन निदेशालय ED के सूत्रों के हवाले से बताया है कि वीवो ने फर्जी नामों पर तमाम शेल कंपनियां बनाईं। इन शेल कंपनियों के जरिए उसने 47000 करोड़ रुपए नियमों का उल्लंघन कर चीन भेज दिए। ईडी ने कल ही वीवो के देशभर में 44 ठिकानों पर छापेमारी की थी। वीवो और चीन की एक और फोन निर्माता कंपनी शाओमी के खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। शाओमी पर पहले भी छापेमारी हो चुकी है। हालांकि, कंपनी ने उस वक्त दावा किया था कि छापेमारी में उसके यहां कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
बता दें कि वीवो के खिलाफ पहले ही सीबीआई की जांच चल रही है। पिछले साल दिसंबर में इनकम टैक्स विभाग ने वीवो और चीन के अन्य मोबाइल फोन निर्माताओं के परिसरों पर छापे मारे थे। इनकम टैक्स ने उस वक्त आरोप लगाया था कि कंपनियों ने 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की आय की गलत घोषणा की है। आरोप ये भी लगा था कि कंपनियां रॉयल्टी के नाम पर अपनी आय की हेराफेरी कर रही हैं और टैक्स चोरी की है।
इससे पहले ईडी ने विदेशी मुद्रा नियमन कानून FEMA के तहत चीन की मोबाइल निर्माता कंपनी शाओमी XIAOMI के पूर्व भारतीय प्रमुख मनु जैन से पूछताछ की थी। ईडी ने इसके अलावा शाओमी के बैंक खातों में 5000 करोड़ रुपए भी जब्त किए थे। बाद में कर्नाटक हाईकोर्ट ने ईडी की इस जब्ती की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। शाओमी ने ये आरोप लगाया था कि ईडी ने उसके शीर्ष अफसरों को मजबूर किया। जबकि, जांच एजेंसी ने इन आरोपों को गलत बताया था। अब वीवो के बारे में दैनिक जागरण ने सूत्रों के हवाले से जो दावा किया है, उससे लग रहा है कि आने वाले वक्त में कंपनी पर और बड़ी कार्रवाई हो सकती है।