
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेटीएम संकट पर कोई टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया है। न्यूज18 के साथ खास इंटरव्यू में निर्मला सीतारमण ने पेटीएम संकट पर पूछे गए सवाल पर कहा कि वो किसी खास कंपनी के बारे में टिप्पणी नहीं करेंगी। हालांकि, उन्होंने ये कहा कि सरकार फिनटेक के मामले में उत्सुक है और इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा शेयरधारकों से जुड़ना चाहती है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने पेटीएम Paytm के पेमेंट्स बैंक पर 29 फरवरी से रोक लगाने का आदेश दिया है। इसके तहत अब पेटीएम अपने पेमेंट्स बैंक के लिए नए ग्राहक नहीं बना सकेगा। साथ ही इससे जुड़ी अन्य सेवाएं भी नहीं ले सकेगा। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक अपनी जमा पूंजी निकाल सकेंगे। पेटीएम पर रिजर्व बैंक की रोक लगने के कारण कंपनी के शेयर 40 फीसदी तक लुढ़क चुके हैं।
पेटीएम ने इससे पहले बयान जारी कर कहा था कि पेमेंट्स बैंक पर रोक लगने के बाद वो अन्य बैंकों के जरिए कामकाज करेगी। पेटीएम की तरफ से उपभोक्ताओं को भरोसा दिया गया कि उनको किसी तरह की दिक्कत भी नहीं होगी। हालांकि, अभी पेटीएम पेमेंट्स बैंक बंद होने में 29 फरवरी तक का वक्त है, लेकिन कंपनी का शेयर खरीदने वाले रिजर्व बैंक के आदेश से परेशान हैं। इसी वजह से शेयर बाजार में पेटीएम लगातार लुढ़का है। पेटीएम ने भारत में फिनटेक सॉल्यूशन देने की शुरुआत की थी और इसे इस क्षेत्र की बड़ी कंपनी का दर्जा मिला। अब रिजर्व बैंक की तरफ से पेमेंट्स बैंक पर रोक का आदेश पेटीएम के लिए बड़े झटके के तौर पर सामने आया है।
ताजा खबर ये भी है कि नामचीन विदेशी फाइनेंशियल और रेटिंग कंपनी मॉर्गन स्टैनली ने ओपन मार्केट से पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के 50 लाख शेयर 244 करोड़ रुपए में खरीदे हैं। इससे पेटीएम चलाने वाली मूल कंपनी में मॉर्गन स्टैनली की हिस्सेदारी 0.8 फीसदी हो गई है। पेमेंट्स बैंक पर रोक लगने के बाद पेटीएम को इस निवेश से काफी मदद मिलने का अनुमान है।