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Foreign Investment In India: विदेशी निवेशकों के लिए चीन की जगह भारत बना बड़ा डेस्टिनेशन, 2023 में 20 अरब डॉलर लगाए

Foreign Investment In India: पिछले दिनों ही हांगकांग शेयर बाजार को पछाड़कर भारतीय शेयर बाजार दुनिया में चौथे स्थान पर पहुंचा है। इससे भी चीन को बड़ा झटका लगा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एलान किया है कि अगली बार सरकार बनाने पर देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। इसका असर भी विदेशी निवेशकों पर पड़ता दिख रहा है।

नई दिल्ली। विदेशी निवेशकों के लिए भारत बड़ा डेस्टिनेशन बन गया है। पड़ोसी देश चीन को इससे लगातार झटका लग रहा है। भारत के राष्ट्रीय डिपॉजिटरी डेटा के मुताबिक बीते 10 महीने में विदेशी निवेश में एक-तिहाई बढ़ोतरी हुई है। साल 2023 में ही भारत में 20 अरब डॉलर का विदेशी निवेश किया गया है। चीन में अनिश्चितता के कारण वहां शेयर बाजार से विदेशी निवेशक हट रहे हैं और भारत में निवेश कर रहे हैं। जनवरी में ही वहां के शेयर बाजार में 27 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। वहीं, अभी भारत का शेयर बाजार 4 खरब डॉलर का है। साल 2014 और 2019 में लगातार 2 बार केंद्र में बीजेपी की स्थायी सरकार बनने और पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक विकास की नीतियों के कारण भारत में विदेशी निवेश लगातार बढ़ा है और इससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी मजबूत हुआ है।

share market2

गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक इस साल के अंत तक निफ्टी का 50 शेयर वाला इंडेक्स 23500 तक पहुंच जाएगा। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भारत की जीडीपी 6.7 फीसदी होने का अनुमान लगाया है। वर्ल्ड बैंक और अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत की जीडीपी बाकी देशों से ज्यादा होने की बात कही है। इसकी वजह से भी बड़ी तादाद में विदेशी निवेशक भारत के शेयर बाजार की ओर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हर महीने शेयर बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशक 2 अरब डॉलर की पूंजी लगा रहे हैं। इससे भी विदेशी निवेशकों की रुचि भारत के शेयर बाजार में बढ़ी है। शेयर बाजार ने तमाम बार गिरावट के बाद भी अच्छा रिटर्न दिया है। वो भी तब, जबकि अन्य देशों के शेयर बाजार में हालात काफी डांवाडोल रहे हैं।

indian currency notes

पिछले दिनों ही हांगकांग शेयर बाजार को पछाड़कर भारतीय शेयर बाजार दुनिया में चौथे स्थान पर पहुंचा है। इससे भी चीन को बड़ा झटका लगा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एलान किया है कि अगली बार सरकार बनाने पर देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। इसका असर भी विदेशी निवेशकों पर पड़ता दिख रहा है। भारत अभी दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यूक्रेन-रूस की जंग और इजरायल-हमास संघर्ष के कारण जहां यूरोप और अमेरिका में अर्थव्यवस्था को झटका लगा है, वहीं भारत में फिलहाल आर्थिक हालात मजबूत बने हुए हैं।