
मुंबई। अदानी ग्रुप ने अपना 20000 करोड़ का फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर यानी एफपीओ वापस लेने का फैसला किया है। इसकी जानकारी कंपनी ने बुधवार को सेबी को दे दी। अदानी ने कहा है कि एफपीओ में निवेश करने वालों को उनका पैसा वापस किया जाएगा। अदानी के एफपीओ को विदेशी निवेशकों और कॉरपोरेट्स ने बड़ा समर्थन दिया था। जिसकी वजह से एफपीओ 1 गुना से ज्यादा ओवर सब्सक्राइब भी हुआ था। हिंडेनबर्ग रिसर्च की अदानी ग्रुप के बारे में रिपोर्ट के बाद से ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर लगातार लुढ़क रहे हैं। ऐसे में एफपीओ रद्द करना अदानी ग्रुप की तरफ से बड़ा कदम है। एफपीओ से शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचती है।
बीएसई और एनएसई को भेजी जानकारी में अदानी ग्रुप ने कहा कि अभूतपूर्व हालत और बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण एफपीओ की आय वापस कर रहे हैं। ताकि अपने निवेशकों के हितों की हम रक्षा कर सकें। वहीं, अदानी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन गौतम अदानी ने कहा कि एफपीओ को आपके समर्थन के कारण धन्यवाद देता हूं। पिछले हफ्ते शेयर बाजार में अस्थिरता के बाद भी कंपनी, उसके कामकाज और प्रबंधन में भरोसा जताने के लिए आपका धन्यवाद है। गौतम अदानी ने कहा कि हमारे शेयर्स के रेट में उतार-चढ़ाव रहा। इसे देखते हुए हमने तय किया कि एफपीओ के मामले में आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं रहेगा। अदानी ने कहा कि निवेशकों का हित सर्वोपरि है। बाजार में स्थिरता आने के बाद हम रणनीति की समीक्षा करेंगे।
बुधवार को भी अदानी ग्रुप के शेयर्स और बॉन्ड में तेज गिरावट रही। अदानी एंटरप्राइजेज के शेयर्स में 28 और अदानी पोर्ट्स और एसईजेड के शेयर्स में 19 फीसदी की गिरावट रही। एक जानकारी के मुताबिक क्रेडिट सुइस ने भी अपने बैंकिंग ग्राहकों पर मार्जिन कर्ज के लिए अदानी के बॉन्ड की जमानत लेने से इनकार कर दिया था। कंपनियों के शेयर्स की हालत पस्त होने से गौतम अदानी भी दुनिया के अमीरों में अब 15वें नंबर पर खिसक गए हैं। जबकि, पिछले साल सितंबर में वो 155 अरब डॉलर के साथ दूसरे नंबर पर थे।