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कोरोना काल में भारी-भरकम नहीं होगा सरकार का दूसरा राहत पैकेज, वजह ये है

केंद्र सरकार कोरोना से निपटने के लिए खर्च किए जाने वाले राहत पैकेज पर कैपिंग लगा सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार कोरोना से निपटने के लिए खर्च किए जाने वाले राहत पैकेज पर कैपिंग लगा सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार कोरोना राहत संबंधी कुल प्रोत्साहन पैकेज को 4 ,5 लाख करोड़ रुपए पर रोक सकती है।

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सॉवरेन रेटिंग घटने की आशंका में सरकार ऐसा कदम उठा सकती है। रॉयटर्स से बातचीत में एक अधिकारी ने कहा कि हम काफी सतर्क हैं। कई देशों की रेटिंग घटनी शुरू हो गई है और रेटिंग एजेंसियां विकसित और उभरते हुए देशों के साथ अलग-अलग तरीके से व्यवहार कर रही हैं। फिच ने गुरुवार को ही चेताया था कि फिस्कल आउटलुक कमजोर होता है तो भारत की सॉवरेन रेटिंग पर दबाव बढ़ सकता है।

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 दूसरा प्रोत्साहन पैकेज

प्रोत्साहन पैकेज संबंधी तैयारियों में जुटे अधिकारी ने कहा कि हम पहले ही जीडीपी के 0.8 फीसदी के बराबर प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान कर चुके हैं। अब हमारे पास जीडीपी के 1.5 फीसदी से 2 फीसदी तक के प्रोत्साहन पैकेज का स्थान बचा है। सरकार ने कोरोना के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए मार्च में 1.7 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज में गरीबों के लिए कैश ट्रांसफर और अनाज के वितरण का प्रावधान किया गया था।

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दूसरे पैकेज की रूपरेखा तैयार

दोनों अधिकारियों ने बताया कि दूसरे प्रोत्साहन पैकेज की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस पैकेज में नौकरी गंवाने वालों और छोटी-बड़ी कंपनियों को राहत मिल सकती है। कंपनियों के लिए टैक्स में छूट जैसे उपायों की घोषणा हो सकती है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी।