
मुंबई। कांग्रेस की नरसिंह राव सरकार के कार्यकाल के दौरान साल 1992 में शेयर बाजार और निवेशकों को हिला देने वाले चर्चित सिक्युरिटीज स्कैम के आरोपी (अब मृत) हर्षद मेहता की पत्नी ज्योति ने अपने पति को न्याय दिलाने के लिए कमर कस ली है। ज्योति ने अपने पति के नाम पर harshadmehta.in नाम से वेबसाइट बनाई है। इस वेबसाइट में ज्योति ने अपने पति को फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए तमाम तथ्य और वीडियो दिए हैं। ज्योति ने कहा है कि वो इस घोटाले के सभी मसलों को आम लोगों से शेयर करेंगी। उस दौर में करीब 4000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में हर्षद मेहता को जेल भेजा गया था। जेल में ही उनका निधन हो गया था।
हर्षद मेहता मशहूर ब्रोकर थे। उनपर अफसरों के साथ मिलकर बैंकिंग प्रणाली में खामियों का फायदा उठाने और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE में हेरफेर का आरोप लगा था। हर्षद पर आरोप था कि उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिलकर तमाम कंपनियों के शेयर लगातार खरीद और बेचकर फायदा उठाया। ज्योति ने अपनी वेबसाइट में कहा है कि वो अपने पति की मौत के बाद उनका बचाव करना चाहती हैं। उनका दावा है कि तथ्यों को झुठलाया नहीं जा सकता। क्योंकि इनमें से ज्यादातर कोर्ट के आदेशों के रूप में हैं। ज्योति मेहता का आरोप है कि एक अखबार में अप्रैल 1992 में शेयर मार्केट में गड़बड़ी की खबर दी गई। इसका खंडन स्टेट बैंक SBI के तत्कालीन निदेशक और महाप्रबंधक दोनों ने किया था। ज्योति का कहना है कि नामचीन ब्रोकर हर्षद मेहता को गिराने और उभरते शेयर बाजार को प्रभावित करने की कोशिश इस खबर से की गई।
ज्योति ने ये आरोप भी लगाया कि घटना के बाद से वो और उनका परिवार ‘कर के रूप में आतंकवाद’ का शिकार रहा। ऐसे आरोप लगे, जो इनकम टैक्स से संबंधित नहीं हैं। करीब 2200 मांगों में 3000 करोड़ रुपए का मामला हर्षद पर दिखाया गया। वास्तविक आय से 300 गुना से ज्यादा कर की मांग की गई। उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि हर्षद को जब ठाणे जेल में दिल का दौरा पड़ा, तो उन्हें 4 घंटे तक अस्पताल ले नहीं जाया गया। जिसकी वजह से उनके पति का निधन हो गया। ज्योति का ये भी दावा है कि उनके पति पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ।