
नई दिल्ली। अडानी-हिंडनबर्ग प्रकरण की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आज 6 सदस्यीय समिति के गठन का निर्देश दिया है। यह समिति पूरे प्रकरण की गहन तफ्तीश करेगी। समिति में ओपी भट (OP Bhat), न्यायमूर्ति जेपी देवधर (Justice JP Devadhar) और नंदन नीलेकणि (Nandan Nilakeni), केवी कामथ (KV Kamath), सोमशेखर सुंदरेसन शामिल होंगे। इस समिति की अध्यक्षता अभय मनोहर करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के आर्थिक हितों को संरक्षित रखने की दिशा में रेगुलेटर के गठन का निर्देश दिया है। उधर, सेबी भी पूरे मामले की जांच करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए बाकायदा 2 माह का समय दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जांच में किसी भी प्रकार की कोई विसगंति पाई जाती है, तो उस पर फौरन कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने सेबी को जांच रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है। वहीं, हिंडनबर्ग रिपोर्ट प्रकाश में आने के बाद बाजार पर पड़े प्रभाव की भी जांच का निर्देश दिया गया है। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर समिति में किन-किन सदस्यों को शामिल किया गया है।
इन लोगों को किया गया है शामिल
अभय मनोहर सप्रे: अभय मनोहर पेशे से अधिवक्ता हैं। पूर्व में कई कैस लड़ चुके हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें अडानी हिंडनबर्ग मामले की जांच की समिति में शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने के बाद इन्हें 1999 में एमपी हाईकोर्ट में एडिशनल जनरल भी बनाया गया था। 2014 में इन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज भी बनाया गया था। 2019 में यह रिटायर हो गए थे।
नंदन नीलेकणि: अडानी हिंदनबर्ग जांच समिति में वैसे तो कई लोगों को शामिल किया गया है, लेकिन नंदन नीलकणि को लेकर अभी चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। नंदन नीलेकणि को आधार कार्ड, यूपीआई, फास्टैग, जीएसटी जैसी टेक्नोलॉजी को मूर्त रूप देने में इन्होंने अहम भूमिका अदा की थी।
के. वी. कामथ: केवी कामथ देश के मशहूर बैंकर हैं। IIM अहमदाबाद से पोस्टग्रेजुएट कामथ ने 1971 में डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (DFI) ICICI में अपना करियर शुरू किया था। जिसके बाद इन्हें आईसीसी के सीइओ की जिम्मेदारी दी गई थी।
ओम प्रकाश भट्ट: ओम प्रकाश भट्ट के बार में तो आप जानते ही होंगे। यह देश के मशहूर बैंकर हैं। पूर्व में भी ये कई वित्तीय विवादों का निदान कर चुके हैं। वर्तमान में ये Oil and Natural Gas Corporation Ltd, Tata Steel Ltd और Hindustan Unilever Ltd के बोर्ड में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर शामिल हैं। इससे पूर्व ओम प्रकाश भट्ट एसबीआई के चैयरमेन भी रह चुके हैं।
जस्टिस जे पी देवधर : जस्टिस जेपी देधर को रिटायर जज हैं। 1977 में इन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी। वह 1982 से यूनियन ऑफ इंडिया के वकील हैं और 1985 से आयकर विभाग के वकील भी रहे हैं।
सोमशेखर सुंदरेसन: सुंदरेसन इससे पूर्व भी कई जांच कमेटी का हिस्सा रह चुके हैं। अब इन्हें अडानी हिंडनबर्ग विवाद की समिति में शामिल रहे हैं। इन्हें वाणिज्यिक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है। पूर्व में भी यह यह कई वाणिज्यिक विवादों का निपटारा कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अडानी हिंडनबर्ग विवाद को सुलझाने की दिशा में वे अहम किरदार अदा कर सकते हैं। इसके अलाला सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को भी मामले की जांच का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने सेबी को मामले की जांच रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपने का निर्देश दिया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में जांच के दौरान मामले से जुड़ी क्या कुछ विसंगति प्रकाश में आती है ।इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।