वॉशिंगटन। शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में तमाम सवाल खड़े किए जाने से अडानी ग्रुप की हालत 24 जनवरी से खराब होती गई। कंपनी के शेयर्स की कीमत गिर गई। नेटवर्थ में कमी से दुनिया के तीसरे नंबर के अमीर से गौतम अडानी 32वें नंबर पर लुढ़क गए, लेकिन बीते गुरुवार से अडानी ग्रुप के शेयर्स में फिर तेजी देखी जा रही है। इसकी वजह अमेरिकी कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स की तरफ से किया गया बड़ा निवेश है। जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों में 15446 करोड़ रुपए लगाए हैं। इसकी खबर आने के बाद देशी निवेशकों ने भी अडानी ग्रुप पर एक बार फिर भरोसा जताया है। आखिर जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में क्यों लगाई इतनी बड़ी रकम और कौन है इस कंपनी का चीफ, ये आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
अमेरिकी स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स के सह संस्थापक और चेयरमैन भारतवंशी राजीव जैन हैं। उन्होंने अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों के शेयर्स में पैसा लगाया है। राजीव जैन का कहना है कि हिंडेनबर्ग रिसर्च की सोच अलग है, लेकिन उनका मानना है कि अडानी ग्रुप में काफी पोटेंशियल है और ये ग्रुप फायदे में रहने वाला है। कुल मिलाकर इस बुरे वक्त में राजीव जैन की जीक्यूजी पार्टनर्स का सहारा अडानी ग्रुप के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है। शुक्रवार को राजीव जैन की कंपनी के निवेश के बाद अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर्स में तेजी देखी गई। इससे गौतम अडानी की नेटवर्थ भी बढ़ी और वो अब दुनिया के 26वें नंबर के अमीर हैं।
अब आपको बताते हैं कि राजीव जैन की जीक्यूजी पार्टनर्स में क्या भूमिका है। जैसा कि हम बता चुके हैं कि राजीव जैन जीक्यूजी पार्टनर्स के चेयरमैन और सह संस्थापक हैं। इसके अलावा वो ग्रुप के चीफ इन्वेस्टमेंट अफसर भी हैं। जीक्यूजी किन कंपनियों में निवेश करेगा, ये फैसला राजीव जैन ही करते हैं। जीक्यूजी से पहले वो वॉनटोबेल एसेट मैनेजमेंट में चीफ इन्वेस्टमेंट अफसर थे। 1994 में पोर्टफोलियो मैनेजर का काम शुरू करने वाले राजीव जैन इतनी तगड़ी सोच रखते हैं कि जीक्यूजी पार्टनर्स को उन्होंने 92 अरब डॉलर के नेटवर्थ वाली कंपनी बना डाली है। राजीव जैन भारत में पैदा हुए। फिर 1990 में अमेरिका जाकर एमबीए किया। उन्होंने 2016 में जीक्यूजी पार्टनर्स की स्थापना की थी। उन्होंने आईपीओ से ऑस्ट्रेलिया में 893 मिलियन डॉलर भी जुटाए। पिछले साल भी उनकी कंपनी ने 8 बिलियन डॉलर का निवेश जुटाया था। कच्चे तेल, बैंकिंग जैसे सेक्टर्स में राजीव जैन निवेश करवाते हैं। उनका कहना है कि इन क्षेत्रों की कंपनियां हमेशा फायदा देती हैं।