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NMDC Donimalai: सरकार के प्रयासों से सुलझा दोणिमलै लौह अयस्क खदान का मामला

Donimalai Iron: एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 31 के तहत भारत सरकार(IndianGovernment) को प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए भारत सरकार ने कर्नाटक सरकार एवं इस्पात मंत्रालय के साथ दोणिमलै लौह अयस्क पट्टे के विस्तार का समझौता किया है।

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नई दिल्ली। एनएमडीसी लिमिटेड की दोणिमलै लौह अयस्क खान (एम एल नं 2396) जो नवंबर 2018 से बंद थी से संबंधित मामले को आखिरकार सरकार के प्रयासों से सुलझा लिया गया है। इस निर्णय से न केवल खान संचालन का मार्ग प्रश्स्त हुआ है बल्कि यह समयानुकूल भी है क्योंकि इस समय इस्पात कंपनियां लौह अयस्क की आपूर्ति की कमी का सामना कर रही हैं। एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 31 के तहत भारत सरकार को प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए भारत सरकार ने कर्नाटक सरकार एवं इस्पात मंत्रालय के साथ दोणिमलै लौह अयस्क पट्टे के विस्तार का समझौता किया है। बता दें कि दोणिमलै लौह अयस्क खान जिसका कुल खनन क्षेत्र 597.54 हेक्टेयर एवं अनुमानित संसाधन 149 मीट्रिक टन है तथा यह देश में वार्षिक रुप से लौह अयस्क उत्पादन में 7 एमटीपीए तक वृद्धि करेगी । अयस्क की वर्तमान उच्च कीमत के आधार पर यह कहा जा सकता है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान दोणिमलै लौह अयस्क खान राज-कोष में लगभग 400 करोड़ रुपये का योगदान देगी।

NMDC Donimalai

खान के प्रचालन से प्रति वर्ष राज-कोष में लगभग 1100 करोड़ रुपये का योगदान होगा । यह वर्ष 2030-31 तक 300 एमटीपीए क्रूड स्टील क्षमता को प्राप्त करने संबंधी सरकार के लक्ष्य की ओर राष्ट्र को एक कदम और आगे ले जाएगा । यह खान हजारों लोगों (ठेका श्रमिकों सहित) को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी और लाखों लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

Mines

खान प्रचालन से कच्चे माल की आपूर्ति के लिए एनएमडीसी पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर दोणिमलै क्षेत्र के आसपास के दो दर्जन से अधिक एसएमई (सैंकडों कर्मचारियों के साथ) के बीच सुरक्षा की भावना पैदा होगी । इसके साथ ही एनएमडीसी सीएसआर गतिविधियों पर निर्भर स्थानीय समुदाय अस्पताल, निशुल्क परिवहन, पेय जल आदि की सुविधाओं से वंचित नहीं होंगे ।

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